मेरठ में कबूतरबाजी को लेकर खूनी संघर्ष, धारदार हथियारों से हमले में कई घायल, महिला की हालत गंभीर

मेरठ में कोतवाली थाना क्षेत्र के पूर्वा मुकरम हुसैन निवासी वसीम कबूतरबाजी करता है। पड़ोसी मेहराज ने भी कबूतर पाल रखे हैं। करीब दो माह पहले वसीम ने मेहराज के कबूतर को पकड़ लिया था। समझौते के बाद भी बात बिगड़ गई और मारपीट हो गई।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:00 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:00 PM (IST)
मेरठ में कबूतरबाजी को लेकर खूनी संघर्ष, धारदार हथियारों से हमले में कई घायल, महिला की हालत गंभीर
मेरठ में सूचना पर दो थानों की पुलिस पहुंची, घायल जिला अस्पताल में भर्ती।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में कबूतरबाजी को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया। एक पक्ष ने युवक पर हमला बोल दिया। जान बचाने के लिए वह घर में घुस गया। मां और बहन बचाने के लिए आईं तो उनको भी धारदार हथियारों से घायल कर दिया। सूचना पर दो थानों की पुलिस पहुंची और घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। एक महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, आरोपित पक्ष फरार हो गया है।

यह है मामला

कोतवाली थाना क्षेत्र के पूर्वा मुकरम हुसैन निवासी वसीम कबूतरबाजी करता है। पड़ोसी मेहराज ने भी कबूतर पाल रखे हैं। करीब दो माह पहले वसीम ने मेहराज के कबूतर को पकड़ लिया था। दोनों पक्षों में विवाद के बाद पड़ोसियों ने समझौता करा दिया था। आरोप है कि तभी से मेहराज उससे रंजिश रखता था। रविवार दोपहर वसीम अपने घर के बाहर खड़ा था। तभी मेहराज ने उस पर हमला कर दिया। वह जान बचाने के लिए घर में घुस गया। आरोप है कि मेहराज और उसके साथी अलीम, बाबू, सरफराज, नदीम और आठ-दस अज्ञात ने लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया।

गिरफ्तारी के लिए दबिश

युवक को बचाने के लिए उसका भाई तोती, मां सायरा और बहन सोनी व यासमीन आईं तो उनपर भी धारदार हथियारों से हमला कर दिया। आसपास के लोगों ने किसी तरह मामला शांत कराया। सूचना पर लिसाड़ी गेट और कोतवाली की पुलिस भी पहुंच गई थी। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सायरा की हालत गंभीर है। पीडि़त पक्ष ने तहरीर दे दी है। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

घर-गली से लेकर थाने तक खून

हमले में दोनों भाइयों के साथ ही मां और बहनें लहूलुहान हो गई थीं। उनके घर से लेकर गली और कोतवाली तक में खून ही खून था। घायलों की हालत बिगडऩे पर उनको आनन-फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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