Black Fungus Infection: ब्लैक फंगस ब्रेन तक पहुंचा तो मौत का ज्यादा खतरा, मेरठ में मिले हैं दो मरीज, जानें बचाव के तरीके

Black Fungus Infection शहर में ब्लैक फंगस के दो मरीज मिलने के बाद इस घातक बीमारी को लेकर लोगों की चिंता काफी बढ़ गई है। मरीजों में एक बिजनौर तो दूसरा मुजफ्फरनगर का है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह बीमारी मस्‍तिष्‍क में जाने पर घातक हो जाती है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 09:03 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 01:46 PM (IST)
Black Fungus Infection: ब्लैक फंगस ब्रेन तक पहुंचा तो मौत का ज्यादा खतरा, मेरठ में मिले हैं दो मरीज, जानें बचाव के तरीके
मेरठ में ब्‍लैक फंगस के दो मरीज मिले हैं।

मेरठ, जेएनएन। Black Fungus in Meerut: न्यूटिमा अस्पताल में ब्लैक फंगस के दो मरीज मिलने के बाद इस घातक बीमारी को लेकर लोगों की चिंता काफी बढ़ गई है। इलाजरत मरीजों में एक बिजनौर तो दूसरा मुजफ्फरनगर का है। इस घातक बीमारी को लेकर विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों में अगर नाक के भीतर भूरी पपड़ी जमी मिले, दिमाग में एक तरफ दर्द महसूस हो और आंख से यदि धुंधला दिखे तो यह खतरनाक लक्षण है। हालांकि सही समय पर यदि लक्षणों को महसूस कर बीमारी पकड़ ली जाए तो इसका भी इलाज संभव है। ब्लैक फंगस नाक, मुंह एवं घाव के जरिए शरीर में पहुंचता है। आइसीयू में लंबे समय तक स्टेरायड पर रहने और अनियंत्रित शुगर के मरीजों में यह बीमारी ज्यादा मिलती है। ब्रेन तक पहुंचने पर अधिसंख्य मरीजों की मौत हो जाती है।

मेडिकल कालेज के फिजिशियन डा. अरविंद का कहना है कि ब्लैक फंगस हवा में बना रहता है, लेकिन असर उन्हीं मरीजों पर करता है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है। कोरोना संक्रमण की वजह से जहां मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता तेजी से गिरी है वहीं पर्यावरण प्रदूषण एवं गंदगी में रहने की आदत ने भी फंगस संक्रमण को बढ़ावा दिया है। गंभीर मरीजों को स्टेरायड देने से उनकी शुगर बढ़ी। कई मरीजों में आइसीयू में ब्लैक फंगस मिला, जबकि इस बार होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को भी स्टेरायड देना पड़ा। न्यूटिमा अस्पताल में ब्लैक फंगस के दो मरीज इलाजरत हैं।

फिजिशियन डा. विश्वजीत बेंबी बताते हैं कि कई मरीजों में घाव होने पर ब्लैक फंगस संक्रमित हो जाता है। यह खतरनाक स्थिति है जिसमें गैंगरीन जैसा खतरा बन जाता है। कई मरीजों की आंखों को निकालना पड़ सकता है। ब्लैक फंगस नाक से बढ़ते हुए दिमाग तक पहुंच जाए तो मरीज की जान पर खतरा कई गुना हो जाता है। इसकी रोकथाम के लिए जटिल आपरेशन करना पड़ता है।

ऐसे करें बचाव

-ब्लैक फंगस ज्यादा कामन नहीं है लेकिन कोविड के दौरान इसका खतरा बढ़ गया है, सतर्क रहें।

-कोविड होने पर मरीज अपना शुगर लेवल नियंत्रित रखें।

-डाक्टरों की सलाह पर ही स्टेरायड लें।

-प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होने पर ही ब्लैक फंगस पकड़ता है, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के उपाय करते रहें।

-नाक और आंख में दर्द, सूजन, सिर में एक तरफ दर्द हो तो तत्काल डाक्टर को दिखाएं। 

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