भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का शामली में बड़ा बयान, एक साल का आंदोलन घंटों में नहीं सिमटेगा

शामली के गांव गोहरपुर में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री के बयान का हम सम्मान व स्वागत करते हैं लेकिन कुछ लिखित में भी तो चाहिए। हालांकि आंदोलन के संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा ही निर्णय लेगा।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 05:41 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 05:41 PM (IST)
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का शामली में बड़ा बयान, एक साल का आंदोलन घंटों में नहीं सिमटेगा
शामली के गांव गोहरपुर में हुए भाईचारा सम्मेलन में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत

शामली, जागरण संवाददाता। गांव गोहरपुर पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किसान आंदोलन पर कहा कि एक साल का आंदोलन घंटों में तो नहीं सिमटेगा। प्रधानमंत्री ने कह दिया है और हम उनका सम्मान व स्वागत करते हैं, लेकिन हमें कुछ लिखित में भी तो चाहिए।

आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा लेगा निर्णय

पत्रकार वार्ता में चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि किसान राजनीति नहीं करता है। वर्ष 2014 में गन्ने का भाव 450 रुपये कुंतल करने की बात प्रधानमंत्री ने कही थी, लेकिन इस साल 25 रुपये बढ़ाए गए है और 350 रुपये कुंतल पर भाव पहुंचा है। सौ रुपये का अंतर अब भी है और सात साल हो चुके हैं। हम न तो हिंसा में विश्वास रखते हैं और न ही राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। हमें इस बात का भी गिला-शिकवा नहीं है कि तरह-तरह के शब्दों से नवाजा जा रहा है। लेकिन यह बातें महसूस तो होती ही हैं। हालांकि आंदोलन के संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा ही निर्णय लेगा।

मृत्यु भोज और दहेज प्रथा को बंद करने का आह्वान

शामली। क्षेत्र के गांव गोहरपुर में हुए भाईचारा सम्मेलन में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बालियान खाप चौधरी नरेश टिकैत सहित कई खाप के चौधरी व थांबेदार शामिल हुए। समाज में व्याप्त कुरीतियों व समस्याओं पर चर्चा हुई। आह्वान किया गया है कि मृत्यभोज और दहेज की प्रथा को बंद किया जाए। युवाओं में बढ़ती नशे की लत पर चिंता जताई गई। साथ ही आपसी विवादों को बातचीत से हल किया जाए।

समस्त राठी परिवार की ओर से आयोजित भाईचारा सम्मेलन में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि मृत्यु भोज में लोग बहुत अधिक खर्च करते हैं। इस तरह का आयोजन करते हैं, जैसे मरने वाले से पीछा छूट गया हो। कुछ जगहों पर देखा है कि कई-कई तरह के रसगुल्ले और चाट तक बनाई जाती है। यह सही नहीं है। कई लोगों को हमने इस बारे में कहा भी है। गुर्जर समाज में देखा गया है कि कोई एक कप चाय तक नहीं पीता है और निर्धारित समय पर रस्म पगड़ी हो जाती है। यह व्यवस्था बहुत बढ़िया है। लेकिन यहां (हमारे समाज में) तो भाषण ही खूब होते हैं।

विवाद का बातचीत से निकालें हल

चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि एक बड़ा मुद्दा आपसी विवाद का है। छोटी-छोटी बात पर बड़े विवाद हो जाते हैं और लोग एक-दूसरे को बर्बाद तक करने पर तुल जाते हैं। उल्‍टे-सीधे मुकदमे तक दर्ज कराए जाते हैं। उन्होंने कैल गांव के एक विवाद का उदाहरण भी दिया। कहा कि अगर आपस में कोई विवाद होता है तो उसे बढ़ाए नहीं। बातचीत कर उसका हल निकालें और भाईचारे को बनाए रखें। व्यक्ति नहीं, विचार अच्छे-बुरे होते हैं। बुरे विचार वाले व्यक्ति को ही लोग बुरा कहने लगते हैं। इस दौरान गठवाला खाप के बहावड़ी थांबेदार श्याम सिंह, संजीव राठी आदि मौजूद रहे।

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