मेरठ के सकौती में चल रहा भाकियू का धरना 31 घंटे बाद समाप्त, जानिए कैसे माने किसान
मेरठ के सकौती गांव में सोमवार सुबह भाकियू से जुड़े किसान रेलवे फाटक के पास धरने पर बैठ गए थे। किसानों की मांग थी कि रेलवे के नए ट्रैक के लिए अधिग्रहण की गई किसानों की भूमि का मुआवजा समय से दिया जाए।
मेरठ, जागरण संवाददाता। सकौती रेलवे फाटक के पास सोमवार सुबह करीब दस बजे से जारी भाकियू का धरना मंगलवार शाम लगभग छह बजे समाप्त हो गया। एसडीएम सरधना को किसानों ने अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। एसडीएम के आश्वासन के बाद किसान राजी हुए। उसके बाद उन्होंने लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में कैंडल मार्च भी निकाला।
सोमवार सुबह धरने पर बैठे थे किसान
सकौती गांव निवासी भाकियू के पूर्व जिला सचिव प्रशांत चौधरी के नेतृत्व में सोमवार सुबह संगठन से जुड़े अन्य किसान सकौती रेलवे फाटक के पास धरने पर बैठ गए थे। किसानों की मांग थी कि रेलवे के नए ट्रैक के लिए अधिग्रहण की गई किसानों की भूमि का मुआवजा समय से दिया जाए। अधिग्रहण की गई भूमि पर रास्तों की व्यवस्था हो। श्मशान घाट में शवयात्रा को वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था की जाए। अंडरपास संख्या-39 और संख्या-40 को कवर्ड किया जाए। सामूहिक स्थलों किसान इंटर कालेज के क्रीड़ा स्थल व श्मशान घाट की भूमि पर शेड की व्यवस्था हो। ठेकेदार द्वारा इस्तेमाल की जा रही सामूहिक स्थलों का किराया ग्राम पंचायत सकौती दिलाया जाए। मौके पर पहुंचे एसडीएम सरधना के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ। किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। धरने पर डा. विकास, संजय दौरालिया, अमरीश कुमार, कपिल, रहबर अली, रविंद्र, रेवत सिंह, प्रवीन, हरेंद्र, गजेंद्र, जयकुमार आदि मौजूद रहे।