दिनेश को सूबे का अहम दलित चेहरा बनाएगी भाजपा

हस्तिनापुर की सियासत से भाजपा के लिए नई रोशनी निकली है। विधायक दिनेश्

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:10 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:10 AM (IST)
दिनेश को सूबे का अहम दलित चेहरा बनाएगी भाजपा
दिनेश को सूबे का अहम दलित चेहरा बनाएगी भाजपा

संतोष शुक्ल, मेरठ : हस्तिनापुर की सियासत से भाजपा के लिए नई रोशनी निकली है। विधायक दिनेश खटीक को प्रदेश सरकार में मंत्री बनाकर पार्टी ने सूबे में बड़ा संदेश दिया है। इस बहाने भाजपा जहां गैर-जाटव वोटों को साधेगी, वहीं हस्तिनापुर को नई सियासी ताकत दी गई है। आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी दिनेश को सूबे में अहम अनुसूचित नेता के रूप में स्थापित कर सकती है। दिनेश पर दलित वोटों को पार्टी के पक्ष में करने का महत्वपूर्ण जिम्मा होगा।

दिनेश पर संगठन राजी और सीएम भी

जिला मेरठ और लोकसभा बिजनौर में शामिल ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुर का अंतरराष्ट्रीय महत्व है, लेकिन यहां न विकास हुआ, और न ही सियासी चेहरे चमके। हालांकि यहां से सपा विधायक प्रभुदयाल वाल्मीकि मुलायम सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2017 में योगी सरकार के सत्तासीन होने के बाद ऐतिहासिक और धार्मिक नगरों की तकदीर बदली है। सीएम योगी ने ऐतिहासिक नगरी को सियासी महत्व देते हुए अंतिम मंत्रिमंडल विस्तार में विधायक दिनेश खटीक के नाम पर सहमति दी, वहीं संघ और प्रदेश इकाई ने जातीय एवं क्षेत्रीय संतुलन साधा। विरोधियों के चक्रव्यूह के बावजूद भाजपा प्रदेश इकाई का दिनेश पर भरोसा बना रहा। विधायक ने हस्तिनापुर विस क्षेत्र में गंगा पर पुल एवं कटान रोकने के लिए तटबंध समेत कई काम कराए, जिसे सीएम योगी ने पसंद किया। पश्चिमी यूपी से दूसरे दलित मंत्री

भाजपा की दृष्टि से पश्चिमी उप्र में 71 विस सीटें हैं, जिसमें पार्टी के 51 विधायक हैं। संभल में सुरक्षित सीट चंदौसी की विधायक गुलाब देवी योगी सरकार में मंत्री हैं, जो दिवाकर वर्ग से आती हैं। पश्चिमी उप्र में भाजपा के अनुसूचित विधायकों के बीच मेरठ के दिनेश खटीक को तवज्जो दी गई। अन्य में मुजफ्फरनगर के पुरकाजी विधायक प्रमोट उटवाल वाल्मीकि वर्ग से आते हैं। बुलंदशहर में खुर्जा विधायक बिजेंद्र खटीक हैं, वहीं सहारनपुर में रामपुर मनिहारन के विधायक देवेंद्र नीम, अमरोहा के राजीव तरारा, रामपुर से राजबाला, बिजनौर ने नहटौर विधायक ओमकुमार और हापुड़ से विधायक विजयपाल आढ़ती जाटव समाज से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन पार्टी ने खटीक पर दांव खेला है। इससे पहले भाजपा ने मेरठ की कांता कर्दम को राज्यसभा भेजकर महिला और जाटव दोनों वर्ग को साधा। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि 2022 विस एवं 2024 लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा अभी से एक्शन मोड में है, जिसमें पार्टी का फोकस दलित और पिछड़े वोटों पर खासतौर पर होगा। मंत्रिमंडल विस्तार में इसकी भरपूर झलक भी नजर आई है।

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