Biogas Plant In Baghpat: बागपत में अब आत्मनिर्भर होंगी गोशाला, करोड़ों की लागत से लगेंगे बायोगैस प्लांट
Biogas Plant In Baghpat प्रदेश सरकार ने बेसहारा गोवंश के लिए गो आश्रय स्थल खोले हुए हैं लेकिन इनमें अधिकांश में बिजली नहीं है। अब इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए जिले के छह गो आश्रय स्थलों में बायोगैस प्लांट स्थापित कराने की कवायद शुरू हो गई है।
बागपत, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने बेसहारा गोवंश के लिए गो आश्रय स्थल खोले हुए हैं लेकिन इनमें अधिकांश में बिजली नहीं है। अब इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए जिले के छह गो आश्रय स्थलों में 1.20 करोड़ रुपए से बायोगैस प्लांट स्थापित कराने की कवायद शुरू हो गई है।
बागपत में 25 गो आश्रय स्थल है जिनमें 3400 बेसहारा गोवंश है। इन गो आश्रय स्थलों में बिजली कनेक्शन किसी में भी नहीं है। बिजली नहीं होने के कारण कई बार गोवंश के लिए चारे और पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। रात में अंधेरा भी रहता है। लेकिन अब इस समस्या से निपटने के लिए को आश्रय स्थलों में बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
पशुपालन विभाग फिलहाल सरूरपुर कला, खट्टा प्रहलादपुर के गौ संरक्षण केंद्रों तथा मीतली, सिसाना, हिसावदा समेत आधा दर्जन गो आश्रय स्थलों में बायोगैस प्लांट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश चंद्र ने बताया की प्रत्येक बायोगैस प्लांट पर 20 लाख रुपए का खर्चा आएगा। प्रथम चरण में 6 आश्रय स्थलों मे बायोगैस प्लांट लगवाने के लिए 1.20 करोड़ रुपए का प्रस्ताव पशुपालन निदेशालय को भेजा जाएगा। बायोगैस प्लांट लगने से जहां गो आश्रय स्थलों का बिजली खर्च बचेगा वहीं गोबर खाद की बिक्री होने से आय बढ़ेगी।