गांवों में गोबर से बनेगी बायो गैस, लगेंगे प्लांट
गांवों में निकलने वाले गोबर की समस्या का समाधान स्वच्छ भारत मिशन के तहत गोबर धन 2020
मेरठ,जेएनएन। गांवों में निकलने वाले गोबर की समस्या का समाधान स्वच्छ भारत मिशन के तहत गोबर धन 2020 वेस्ट टू वेल्थ कार्यक्रम से होगा। जिसके तहत गांवों में कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लाट तथा कोआपरेटिव बेस्ड कलस्टर माडल प्लाट स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए एजेंसी भी नियुक्त की जाएगी। अन्य शहरों में गोबर धन योजना का काम करने वाली एजेंसी से मेरठ जनपद के लिए भी जल्द प्रस्ताव मांगे जाएंगे।
बुधवार को 19 सदस्यीय गोबर धन प्रकोष्ठ की पहली बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनपद में गोबर अपशिष्ट का सही प्रबंधन इस योजना के माध्यम से कराना है। इसके लिए प्रति जनपद 50 लाख रुपया शासन द्वारा प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत दस कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लाट तथा एक कोआपरेटिव बेस्ड कलस्टर माडल प्लाट लगाने का आदेश है।
बैठक में तय किया गया कि अयोध्या और कानपुर समेत प्रदेश के शहरों में इस योजना पर काम करने वाली एजेंसियों के प्रोजेक्ट की प्रजेटेशन मंगाई जाएगी। अन्य एजेंसियों के प्रस्ताव भी लिए जाएंगे। उनका अध्ययन करके मेरठ के लिए योजना तैयार की जाएगी। प्लांट की सफलता गोबर की उपलब्धता पर निर्भर है। लिहाजा प्लांट के लिए ऐसे स्थानों का चयन किया जाएगा जहां गोबर आसानी से उपलब्ध हो सके। इसके लिए सरकारी गो आश्रय स्थल तथा उनके आसपास के क्षेत्रों को प्राथमिकता पर रखा जाएगा। सीडीओ ने कहा कि प्रकोष्ठ के सभी सदस्य एक वाट्सअप ग्रुप बनाकर सूचनाओं का आदान प्रदान करें।
जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रथम चरण में व्यक्तिगत शौचालय बनाये गये तथा जनपद खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित हुआ। यह स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण है। जिसमें गोबर की समस्या का समाधान होगा। बैठक में सीवीओ डा. अनिल कंसल, जिला कार्यक्रम अधिकारी विनीत सिंह, एक्सईएन जल निगम, पीओ नेडा और प्रकोष्ठ के सदस्य कई गांवों के प्रधान भी मौजूद रहे।