मेरठ में बड़ी लापरवाही : सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम के दौरान बस से टकराकर गिरा यात्री, घायल
Road Safety Week मेरठ में सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत में ही पोल खुल गई। यहां भैंसाली बस अड्डे पर सुबह बस की टक्कर से यात्री घायल हो गया और वहीं गिरकर अचेत हो गया। तत्काल इलाज के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ के भैसाली बस अड्डे पर सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ के दौरान एक यात्री बस के आगे आ गया। घायल अवस्था में उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। शुक्रवार को बस अड्डे पर सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ किया गया था। यह एक बड़ी लापरवाही मानी जा रही है।
बस के बंपर से टकरा गया
मंच पर मुख्य अतिथि कैंट विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल आरटीओ हिमेश तिवारी एडीएम सिटी अजय तिवारी समेत अन्य लोग मौजूद थे। उसी दौरान बसों को पार्क करने और ले जाने के बीच एक व्यक्ति बस के सामने आ गया। भैसाली बस डिपो की बस संख्या यूपी 81 बीटी 8069 मेरठ बागपत रूट की थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गाड़ी का आगे का बंपर से व्यक्ति टकराया। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि बस को अचानक सामने से आता देख यात्री गिर गया और बंपर से टकरा गया। मंच पर मौजूद अधिकारी भाग कर मौके पर पहुंचे।
बेतरतबी ढंग से खड़ी होती है बसें
घायल व्यक्ति को सड़क सुरक्षा का प्रचार के लिए आए वाहन में लिटा कर अस्पताल ले जाया गया। भैंसाली बस अड्डे पर बसों का बेतरतीब ढंग से खड़े होना और यात्रियों की आवाजाही आम बात है। बस अड्डे पर अट्ठारह प्लेटफार्म बने हैं पर वहां पर बेतरतीब ढंग से बसे पार्क होती हैं। यात्री प्लेटफार्म पर बसों में न बैठ कर परिसर के बीचोंबीच खड़ी बसों में बैठते हैं। मुजफ्फरनगर में बस से कुचलकर बस अड्डे पर ही एक यात्री की मौत हो चुकी है।
इधर भी दें ध्यान, जर्जर हो गए पुल, हो सकती हैंं हादसे
मेरठ : काली नदी पर खरखौदा क्षेत्र के कोल गांव का पुल हो या फिर अतराड़ा गांव का पुल, इन पुलों की स्थिति इतनी बदतर है कि डामर की परत तो उखड़ ही गई, उसकी रेलिंग भी टूट गई है। इन पर वाहनों का भारी दबाव रहता है। इनकी सुध नहीं ली जा रही है, जिससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जब गन्ने के तौल का समय आता है तब यहां पर स्थिति ज्यादा खतरनाक हो जाती है। सर्दी के मौसम में कई दुर्घटनाएं हुई हैं।
कोल गांव व अतराड़ा गांव के पुल
खरखौदा से सिसौली रोड पर कोल गांव में पुल बना है। काली नदी पर यह पुल 1998 में बना था। ग्रामीण बताते हैं कि पुल निर्माण के कुछ माह बाद ही जर्जर हो गया था। रेलिंग टूट गई थी। जिसकी वजह यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। दूसरा पुल अतराड़ा गांव में बना है। इस पुल का निर्माण करीब 1983 के आसपास हुआ था। यह पुल हापुड़ से किठौर रोड पर है। इस पर दिन रात वाहन गुजरते हैं। ग्रामीण लंबे समय से दुरुस्त कराने की मांग कर रहे हैं। शाम होते ही इस पर दुर्घटना की आशंका गहराने लगती है। वहीं पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अतुल कुमार का कहना है कि पुलों की मरम्मत कराने की योजना बना ली गई है। उसके पैराफिट दुरुस्त किए जाएंगे। पुल के ऊपर डामर कार्य भी होगा। दुर्घटना से बचाने के लिए रिफ्लेक्टर लगेंगे।