कृषि अध्यादेश के विरोध में भाकियू ने इन मांगों को लेकर कलक्ट्रेट परिसर में दिया धरना
भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर बागपत कलक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया। भाकियूू का यह धरना भारत सरकार द्वारा जो तीन कृषि अध्यादेश पारित करते हुए कानून बनाए जाने पर विरोध है।
बागपत, जेएनएन। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर कलक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया।
भाकियू जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर ने बताया कि भाकियू द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम में किसानों का आक्रोश व्यक्त करते हुए निम्न बिंदुवार मांग है कि उन्होंने भारत सरकार द्वारा जो तीन कृषि अध्यादेश पारित करते हुए कानून बनाए जाने पर विरोध व्यक्त किया। इस कानून किसानों का कंपनियों द्वारा उत्पीड़न किया जाएगा। अति लघु, लघु सीमांत, सीमांत किसान बर्बाद हो जाएगा। किसानों का गन्ना भुगतान प्राइवेट फैक्ट्रियों द्वारा समय पर नहीं किया जाता और सरकार कुछ नहीं कर पाती। किसान अदालत में भुगतान के लिए भटकता रहता है फिर भी समय पर भुगतान नहीं हो पाता है। सहकारिता को समाप्त करके किसानों का प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाएगा। एसएमपी मूल्य आज देश में 6 प्रतिशत किसानों को ही मिल पाता है। सरकारी खरीद केंद्रों का संचालन सरकार द्वारा होता है लेकिन जब निजी कंपनियां खरीद करेगी तो किस की गारंटी है, मूल्य मिलेगा। सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के आश्वासन दिए जा रहे हैं जबकि खर्च बढ़ा दिए गया। डीजल, बिजली, पेट्रोल, दवाई, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक सामान सभी की महंगाई आसमान छू रही है। किसान देश में अलग-अलग फसलों का उत्पादन करते हैं लेकिन किसान उपभोक्ताओं की लाइन में भी सबसे ज्यादा है। इसलिए सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अपने विचार कर अध्यादेश वापस करके किसानों की मांग मानी जानी चाहिए। इस मौके पर शिवदत्त शर्मा, हरेंद्र, प्रताप पहलवान, उपेंद्र तोमर, कर्मपाल, तैमूर चौधरी, बिजेंद्र, कालूराम चौधरी, हिम्मत सिंह, उमेद अली, देशपाल सिंह, धर्मेंद्र आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।