मेरठ में भारतीय जन नाट्य संघ (IPTA)के उम्दा कलाकार शांति वर्मा का निधन, कलाकारों में शोक की लहर
भारतीय नाट्य संघ यानी इप्टा के उम्दा कलाकार व गजब के नाटकार का शनिवार को निधन हो गया। इस सूचना से नाट्य जगत व कलाकारों में शोक की लहर दौड़ गई। इन्होंने एक से बढ़कर एक उम्दा नाटकों का संचालन किया है।
मेरठ, जेएनएन। भारतीय नाट्य संघ यानी इप्टा के उम्दा कलाकार व गजब के नाटकार का शनिवार को निधन हो गया। इस सूचना से नाट्य जगत व कलाकारों में शोक की लहर दौड़ गई। बताया जा रहा है कि ये काफी दिनों से शुगर की समस्या से जूझ रहे थे। शनिवार को अचानक से शुगर हाई होने से इनकी मौत हो गई। शांति वर्मा की 75 साल की उम्र में शास्त्रीनगर स्थित अपने निवास स्थान पर निधन हुआ। इस घटना से परिवार में शोक की लहर है।
कई प्रसिद्ध नाट्य रचनाओं का किया था संचालन
सिंहासन खाली है, द्रोणाचार्य, राम रहीम, एक से बढ़कर एक उम्दा नाटकों का संचालन करने वाले कलाकार और इंडियन पीपल थियेटर एसोसिएशन( इप्टा) के संचालक शांति वर्मा का रविवार को निधन हो गया। उन्हें शुगर की समस्या थी। मेरठ में 1953 में अभिनेता एके हंगल ने इप्टा की नींव रखी थी। 1957 से शांति वर्मा इस संस्था से जुड़े और हजारों रंगकर्मियों को दिशा दिखाते रहें। इप्टा से कई ऐसे कलाकार भी निकले जो बड़े पर्दे तक पहुंचे। जिसमें वेद थापर, मुकुल नाग, गिरीश थापर और अरुण गोविल जैसे कलाकार रहे। इप्टा के बैनर तले कभी शबाना आजमी जैसी अभिनेत्री भी आकर रंगमंच पर अभिनय की थीं। आर्थिक झंझावतों से जूझते हुए भी कलाकार शांति वर्मा अपने खर्चे से बुद्धा गार्डन में एक स्टेज बनाकर अभिनय करते थे। उनके निधन से कलाकारों में शोक की लहर है।
शाम को किया जाएगा अंतिम संस्कार
शांति वर्मा के निधन के बाद आसपास के लोगों के साथ ही दूर-दराज के लोगों का इनके निवास स्थान पर पहुंचना जारी है। हालाकि अभी कोविड के कारण लोगों का जमावड़ा कम हुआ है। बताया जा रहा है कि आज शाम तक इनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
कलाकारों में शोक की लहर
शांति वर्मा के निधन की सूचना मिलते ही नाट्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं इनसे प्रशिक्षण लेने वाले कलाकारों व इनके जानने वालों में भी शोक व्याप्त हो गया। कलाकारों ने शांति वर्मा के निधन को नाट्य जगत को भारी क्षति बताया है।