मधुमेह दिवस : जागरूकता की कमी से बढ़ रहे डायबिटिक फुट अल्सर के मरीज

मधुमेह के रोगियों की संख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ती ही जा रही है। मधुमेह का एक खतरा यह भी है कि इससे पैरों में सड़न भी पैदा हो रही है।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 05:22 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 05:22 PM (IST)
मधुमेह दिवस : जागरूकता की कमी से बढ़ रहे डायबिटिक फुट अल्सर के मरीज
मधुमेह दिवस : जागरूकता की कमी से बढ़ रहे डायबिटिक फुट अल्सर के मरीज
मेरठ (जेएनएन)। मधुमेह रोगी समय पर नहीं चेते तो खुद के पैरों पर खड़े नहीं हो पाएंगे। अधिक दिनों तक अनियंत्रित शुगर रहने पर पैरों में सड़न पैदा हो रही है। लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज भर्ती हैं। स्थिति ये है कि 50 फीसद केसों में पैरों या अंगुलियों की सर्जरी करनी पड़ रही है।
हर महीने छह मरीज
मेडिकल कॉलेज में हर महीने पांच से छह मरीज पैरों में सड़न (डायबिटिक फुट अल्सर) लेकर उपचार के लिए आते हैं। जिन्हें पैर, स्किन ग्राफ्टिंग, अंगुलियों की सर्जरी की सलाह दी जाती है। बीते वर्ष में करीब 70 केस डायबिटिक फुट अल्सर के सामने आ चुके हैं। इनमें से 50 फीसद मरीजों की सर्जरी विभाग में सर्जरी की गई। ताकि सड़न को शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचने से रोका जा सके। चौंकाने वाली बात ये है कि अधिकतर मरीजों को इस बात का अंदाजा तक नहीं होता है कि पैरों में सड़न डायबिटीज के कारण हो रही है। जब चिकित्सकों से उन्हें जानकारी मिलती है तब काफी देर हो चुकी होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या जागरुकता की कमी के कारण बढ़ रही है। डायबिटिक फुट अल्सर के मामले 40 साल के ऊपर के लोगों में पाए जा रहे हैं।
पैरों में रक्त संचार थमना है कारण
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. तुंगवीर सिंह आर्य ने बताया कि पैरों में अल्सर बनने का प्रमुख कारण अनियंत्रित शुगर की वजह से पैरों की पेरीफेरल नसों में रक्त संचार का थम जाना है। रक्त संचार थमने से व्यक्ति को चोट लगने का आभास तक नहीं होता है। शुगर की वजह से चोट घाव का रूप ले लेती है और अंदर ही अंदर सड़न पैदा कर देती है। दर्द भी नहीं होता है। त्वचा काली पड़ने पर अल्सर का भयानक रूप सामने आता है।
पांच साल में दोगुने हो गए मधुमेह के मरीज
डॉ. आर्य ने बताया कि एंडोक्राइनोलॉजी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पांच साल में मधुमेह मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। 2014 में करीब 19 हजार मरीज थे 2017 में यह संख्या 40 हजार तक पहुंच गई। इस साल यह संख्या 45 हजार तक पहुंचने का अनुमान है। मधुमेह तेजी से बढ़ रहा है। बता दें कि यह रिपोर्ट सिर्फ मेडिकल कॉलेज की है। जबकि सरकारी और गैर सरकारी अन्य अस्पतालों में भी मधुमेह रोगियों का उपचार होता है।
बचना है तो ये करें मधुमेह रोगी ब्लड शुगर नियंत्रित रखें। अपने पैरों की देखभाल नियमित करें। मधुमेह रोगी नंगे पांव न चलें, चोट न लगने दें। नरम तलवे के जूते-चप्पल मधुमेह रोगी पहनें। डायबिटीज एजुकेशन मधुमेह रोगी जरूर लें। चमड़े या कठोर तलवे के जूते कतई न पहनें। घाव न सूखने पर चिकित्सक को दिखाएं।
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