स्वरोजगार की राह में बाधक बने बैंक, परेशान हो रहे हैं अभ्यर्थी Meerut News
बेरोजगारों के स्वरोजगार करने की राह में बैंक ही बाधक हैं। बैंक अफसरों की मनमानी के चलते पांच सौ से अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन ऋण स्वीकृति के लिए लंबित पड़े हुए हैं।
मेरठ, [राजेंद्र शर्मा]। बेरोजगारों के स्वरोजगार करने की राह में बैंक ही बाधक हैं। बैंक अफसरों की मनमानी के चलते पांच सौ से अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन ऋण स्वीकृति के लिए लंबित पड़े हुए हैं। परेशान अभ्यर्थी बैंक व विकासभवन के रोजाना चक्कर लगा रहे हैं। पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना (स्पेशल कंपोनेंट प्लान) के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बेरोजगार अभ्यर्थियों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
लंबित पड़े हैं आवेदन
योजना के तहत 40 हजार से लेकर 15 लाख तक ऋण की प्रोजेक्ट के अनुसार स्वीकृति होती है। इस योजना के तहत जिले के कुल 672 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें से अभी तक मात्र 127 अभ्यर्थियों का ऋण विभिन्न बैंकों की शाखाओं द्वारा स्वीकृत किया गया है। 527 अभ्यर्थियों के आवेदन बैंक की विभिन्न शाखाओं में लंबित पड़े हैं।
अफसरों के लगा रहे चक्कर
वहीं, बैंकों से ऋण स्वीकृत न होने पर ऐसे सभी अभ्यर्थी जानकारी के लिए बैंक व विकास भवन स्थित जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास के चक्कर लगा रहे हैं। परेशान अभ्यर्थियों का कहना है कि बैंक में यह कहकर लौटा दिया जाता है कि कार्रवाई चल रही है। कब तक उनके आवेदन पर ऋण की स्वीकृति होगी? इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है। सबसे अधिक आवेदन सिंडिकेट, दूसरे पर पीएनबी व तीसरे नम्बर पर ओबीसी बैंक है।
बैठक में भी उठा था मुद्दा
बैंकों के ऋण स्वीकृत न करने का यह मामला शुक्रवार को बचतभवन में हुई बैठक में भी उठा था। इस पर बैठक में शामिल हुए आरबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी ने भी ऋण स्वीकृत न करने पर कड़ी नाराजगी जताई थी।
बैंकों में लंबित आवेदन
बैंक का नाम लंबित आवेदन
सिंडिकेट 144
पीएनबी 97
ओबीसी 66
एसबीआइ 62
इलाहाबाद 40
केनरा 35
यूनियन बैंक 23
बैंक ऑफ बड़ौदा 14
इनका कहना है
योजना के तहत ऋण स्वीकृति के आवेदन बैंकों में लंबित होने पर लीड बैंक मैनेजर को पत्र लिखा गया है। उनसे सभी बैंको शाखाओं के संबंधित अधिकारियों को अतिशीघ्र आवेदन स्वीकृत कराने के लिए दिशा-निर्देश देने के लिए कहा गया है।
- मो. मुश्ताक अहमद, जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास