एटीएम कार्ड हड़पकर खाते से निकाली एक लाख की रकम, एसबीआइ शाखा प्रबंधक सहित डीजीएम नोएडा दोषी करार
स्याना निवासी मुजीब ने स्टेट बैंक में खाता खुलवाया था। 40 हजार रुपये की लिमिट का एटीएम कार्ड जारी कराया। 30 अप्रैल 2014 को एटीएम कार्ड की लिमिट बढ़वाने का आवेदन दिया। बताया गया कि बैंक के डीजीएम नोएडा और शाखा प्रबंधक स्याना ने परिवादी के साथ धोखाधड़ी की।
बुलंदशहर, जेएनएन। एटीएम कार्ड हड़पकर बैंक अफसरों ने ही ग्राहक के खाते में सेंधमारी कर डाली। एक लाख की रकम उड़ाकर ग्राहकों को टरका दिया। आला अफसरों ने सुनवाई नहीं की तो जिला उपभोक्ता फोरम ने ग्राहक के हक में फैसला सुनाया है। शाखा प्रबंधक सहित डीजीएम नोएडा को दोषी करार दिया है। उनके खिलाफ जांच और दंडात्मक कार्रवाई के आदेश भारत सरकार के वित्त सचिव और विभागीय आला अफसरों को दिए हैं।
गाजियाबाद पहुंचाकर एटीएम से निकाली रकम
न्यायालय के पीए शेखर वर्मा ने बताया कि स्याना निवासी दिव्यांग मुजीब अहमद ने स्टेट बैंक आफ इंडिया स्याना में खाता खुलवाया। 40 हजार रुपये की लिमिट का एटीएम कार्ड जारी कराया। 30 अप्रैल 2014 को एटीएम कार्ड की लिमिट बढ़वाने का आवेदन दिया। बैंक के डीजीएम नोएडा और शाखा प्रबंधक स्याना ने परिवादी के साथ धोखाधड़ी की। खाताधारक को एटीएम कार्ड न पहुंचाकर गाजियाबाद में किसी अन्य व्यक्ति को पहुंचा दिया। उसे गोपनीय कोड भी उपलब्ध करा दिया। एटीएम के जरिए मई 2014 में अलग-अलग तिथियों में दो बार 50-50 हजार की रकम खाते से निकाल ली। इसका पता चलने पर परिवादी ने बैंक अफसरों से संपर्क किया। पुलिस में एफआइआर भी दर्ज कराई। खाते से फर्जी तरीके से निकाली रकम वापस कराने की बैंक के आला अफसरों से मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिस पर जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया।दंडात्मक कार्रवाई कराकर जांच बैठाएं वित्त सचिव
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष चंद्रपाल ङ्क्षसह, सामान्य सदस्य मोहित त्यागी ने मामले की सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलील सुनने पर फैसला सुनाया। कहा कि परिवादी को एक लाख की रकम निकासी की तिथि से छह फीसद ब्याज के साथ वापस करनी होगी। 45 दिन के भीतर रकम नहीं लौटाने पर आठ फीसद की दर से ब्याज चुकाना होगा। क्षतिपूर्ति के दस हजार और वाद खर्च पांच हजार रुपये भी अदा करना होगा। इसके अलावा स्याना बैंक शाखा प्रबंधक, बुलंदशहर मुख्य प्रबंधक और नोएडा के डीजीएम घटना के मुख्य रूप से दोषी करार दिए हैं। उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर जांच करने के लिए भारत सरकार के वित्त सचिव और एसबीआइ के चेयरमैन मुंबई, मुख्य महाप्रबंधक दिल्ली को आदेश दिए हैं।