आपदा को बनाया अवसर: बागपत की मोनिका का कमाल, बना डाला हवाई सफर में कोरोना से बचाने वाली किट

संकट को अवसर में बदलना कोई मोनिका से सीखें। वह सिलाई मशीन से बेरोजगारी के साथ कोरोना को मात देने में जुटी हैं। पीपीई किट की सिलाई कराकर 150 घरों के चूल्हे जला रही हैं। इनके कोरोना किट हवाई सफर में प्रयोग किया जा रहा है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 02:46 PM (IST)
आपदा को बनाया अवसर: बागपत की मोनिका का कमाल, बना डाला हवाई सफर में कोरोना से बचाने वाली किट
गौरीपुर जवाहरनगर गांव में स्वयं बनाई गई पीपीई कीट दिखाती मोनिका।

[जहीर हसन] बागपत।  संकट को अवसर में बदलना कोई मोनिका से सीखें। वह सिलाई मशीन से बेरोजगारी के साथ कोरोना को मात देने में जुटी हैं। पीपीई किट की सिलाई कराकर 150 घरों के चूल्हे जलवाकर आत्मनिर्भर भारत की शानदार मिसाल कायम कर रही हैं। महिला स्वावलंबन की नजीर बनीं मोनिका को गर्व है कि उनकी किट पहनकर लोग हवाई जहाज में भी सफर करते हैं।

गौरीपुर जवाहर नगर की दो बच्चों की मां 29 वर्षीय मोनिका इंग्लिश से एमए उत्तीर्ण हैं। दो साल पहले पति आशीष की सड़क दुर्घटना में घायल होने पर दिल्ली की कंपनी की नौकरी छुट गईं। आर्थिक संकट से घिरी मोनिका वर्ष 2018 में गांव में राष्ट्रीय आजीविका मिशन से गठित राधा कृष्ण स्वयं सहायता समूह से जुड़ गईं।

ऐसे शुरू हुआ सफर

वह पाई-पाई को मोहताज थीं लेकिन समूह की दस महिलाओं ने बिना ब्याज 10-10 हजार यानी कुल एक लाख रुपये कर्ज दिया। इनसे आठ सिलाई मशीन खरीदकर कपड़ा सिलाई कराने लगीं। गुडगांव समेत हरियाणा में मशीनों के स्पेयर पार्ट बनाने वाली कंपनियों में संपर्क कर आर्डर लेकर पैङ्क्षकग बैग सिलाई कर सप्लाई करने लगीं। मोनिका की हर माह 40 से 50 हजार रुपये की आय होती है।

अवसर में बदला कोरोना संकट

कोराना महामारी की शुरूआत होने पर जब टीवी पर पीपीई किट पहने कर्म योद्धाओं को देखकर आइडिया आया कि इनकी सिलाई तो वह भी करा सकती हैं। दिल्ली की एक कंपनी से उन्हें पीपीई किट सिलाई का काम मिल गया। कंपनी से उन्हें प्रति पीपीई किट सिलाई को 30 रुपये मिलते हैं। गौरीपुर, निवाड़ा, अलावलपुर, बड़ौत व सरुरपुरकलां गांव की 150 महिलाओं से पीपीई किट सिलाई कराती है। महिलाओं को प्रति पीपीई किट 18 से 20 रुपये देती है। गौरीपुर की कौशल्या व सीमा बताती है कि प्रतिदिन 20 से 25 किट सिलाई कर 400 रुपये कमाती हैं। उनकी बनाई पीपीई किट एयर लाइंस कंपनी हवाई सफर में कोरोना से बचाने को यात्रियों को पहनने को देती है।

बेटियों की पढ़ाई की राह आसान

मोनिका बताती हैं कि पीपीई किट, बैग, लेडीज शूट व अन्य कपड़ों की सिलाई कर दीपा 12वीं, पूजा बीए प्रथम और राखी 11वीं की पढ़ाई कर रहीं हैं।

-वाकई मोनिका शानदार मिसाल पेश कर रही हैं। पीपीई किट व पैकिंग बैग की सिलाई कराकर महिलाओं की राह आसान बना रहीं है। -ब्रजभूषण सिंह, उपायुक्त-राष्ट्रीय आजीविका मिशन।

chat bot
आपका साथी