बागपत : अपना दुख भूल लोगों को दी आक्सीजन, प्रवीण के जज्बे को सराहने उनके घर पहुंचे सीएम योगी
बागपत के प्रवीण के जज्बे और साहस की सराहना करने के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं प्रवीण कुमार के घर पहुंचे उनकी पीठ थपथपाई। योगी ने परिवार के दिवंगत लोगों के प्रति संवेदना भी प्रकट की। प्रवीण ने आक्सीजन मुहैया कराई थी।
बागपत, जागरण संवाददाता। याद कीजिए कोरोना की दूसरी लहर का वह समय, जब आक्सीजन की कमी से लोग इधर-उधर मारे-मारे फिर रहे थे। आक्सीजन के एक-एक सिलेंडर के लिए हाहाकार मचा था। उसी लहर में सिसाना गांव के प्रवीण कुमार चौहान का परिवार भी कोरोना की चपेट में आया। प्रवीण की आक्सीजन सिलेंडर सप्लाई की एजेंसी है। कोरोना का कहर देखिए कि प्राणवायु बांटने वाले प्रवीण के स्वजन भी कोरोना की चपेट में आ गए। उनके परिवार में दो लोगों की मौत भी हो गई लेकिन, प्रवीण ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपना दुख भुलाकर दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए आक्सीजन सिलेंडर का वितरण जारी रखा। प्रवीण के इस जज्बे और साहस की सराहना करने के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं प्रवीण कुमार के घर पहुंचे, उनकी पीठ थपथपाई। योगी ने परिवार के दिवंगत लोगों के प्रति संवेदना भी प्रकट की।
परिवार पर कहर
ग्राम सिसाना के प्रवीण कुमार चौहान पुत्र दयानंद चौहान की बागपत में प्रतीक आक्सीजन के नाम से गैस एजेंसी है। कोरोना की दूसरी लहर ने उनके परिवार पर कहर ढाया। प्रवीण कुमार बताते हैं कि उनकी मां बाला देवी को छोड़कर परिवार के 14 सदस्य कोरोनाग्रस्त हुए थे। इनमें तीन वर्षीय बच्ची भी शामिल थी। इसी बीच भाभी दर्शना देवी और तहेरे भाई राजेश चौहान का कोरोना से निधन हो गया था। इसके बावजूद प्रवीण चौहान के परिवार ने आक्सीजन के 170 सिलेंडर प्रशासन के हवाले कर दिए थे। उनके द्वारा दिन-रात प्लांट से आक्सीजन लाकर अस्पतालों में सप्लाई की गई।
अब कोई बीमार नहीं
गुरुवार को बागपत दौरे पर आए सीएम योगी प्रवीण चौहान के घर पहुंचे और उनकी सराहना करते हुए पूछा कि अब तो कोई बीमार नहीं है। जबाव मिला नहीं। मुख्यमंत्री ने करीब पांच मिनट तक परिवार से बातचीत की। कोरोना को मात देने वाली प्रवीण चौहान की 12 वर्षीय बेटी से पूछा कि किस क्लास में पढ़ती हो और कितने दिन से स्कूल नहीं जा रही हो। आयुषी ने जवाब दिया कि सातवीं कक्षा में पढ़ती हूं, स्कूल गए डेढ़ साल हो गए, लेकिन अब घर पर आनलाइन क्लास में पढ़ती हूं। मुख्यमंत्री ने आयुषी को लगन और मेहनत से पढऩे के लिए प्रेरित किया।
शादी में दहेज तो नहीं लिया
दर्शना देवी के निधन के बाद उनके बेटे विनय चौहान ने शादी की थी। बेटी पूजा पहले से शादी शुदा है। मुख्यमंत्री ने विनय से पूछा कि शादी में दहेज तो नहीं लिया। जवाब मिला, बगैर दहेज की शादी की। इसपर मुख्यमंत्री ने खुशी जताते हुए विनय और उनकी पत्नी सरिता को आशीर्वाद दिया।