'खिचड़ी पढ़ाई' पर भी मिलेगी स्नातक की डिग्री

नए शैक्षणिक सत्र से चौधरी चरण सिंह विवि समेत सभी राज्य विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है। इसमें छात्रों को स्नातक में कला विज्ञान कामर्स किसी भी संकाय के विषय चुनने की आजादी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 05:18 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 05:18 AM (IST)
'खिचड़ी पढ़ाई' पर भी मिलेगी स्नातक की डिग्री
'खिचड़ी पढ़ाई' पर भी मिलेगी स्नातक की डिग्री

मेरठ, जेएनएन। नए शैक्षणिक सत्र से चौधरी चरण सिंह विवि समेत सभी राज्य विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है। इसमें छात्रों को स्नातक में कला, विज्ञान, कामर्स किसी भी संकाय के विषय चुनने की आजादी है। ऐसे छात्र जो कला, विज्ञान और कामर्स तीनों संकाय के विषय यानी विषयों की खिचड़ी बनाकर पढ़ेंगे, उन्हें बैचलर आफ लिबरल एजुकेशन की डिग्री मिलेगी।

अभी तक संकाय के अनुसार विषय लेने पर छात्रों को स्नातक की डिग्री मिलती है। कला संकाय में तीन विषय के साथ पढ़ाई करने वालों को बीए की डिग्री मिलती है। विज्ञान संकाय से तीन विषय लेने पर बीएससी और कामर्स लेने पर बीकाम की स्नातक डिग्री दी जाती है। नई शिक्षा नीति में स्नातक की डिग्री क्रेडिट आधारित है। छात्र जिस संकाय से तीन वर्ष में न्यूनतम 60 फीसद क्रेडिट प्राप्त करेंगे, उसी में उनको डिग्री दी जाएगी। परास्नातक में भी वही विषय लेकर आगे पढ़ने की अनुमति रहेगी। अगर कोई छात्र कला, विज्ञान, कामर्स से एक-एक विषय लेकर स्नातक की डिग्री पूरी करता है। इसमें तीन वर्ष में किसी एक संकाय में 60 फीसद क्रेडिट से कम प्राप्त करने वाले छात्रों को बीए, बीएससी की जगह बैचलर आफ लिबरल एजुकेशन की डिग्री दी जाएगी। पहले संकाय, फिर विषय का चुनाव

नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को संबंधित कालेज या विश्वविद्यालय से पहले संकाय का चुनाव करना होगा। कालेज उपलब्ध विषय और सीट के अनुसार छात्र को प्रवेश देंगे। छात्र स्नातक में तीन मुख्य विषयों का चुनाव करेंगे, जिसमें दो मुख्य विषय उसके चुने हुए संकाय से लेने होंगे, जबकि तीसरा मुख्य विषय किसी भी संकाय से या अपने संकाय से ले सकेंगे। छात्रों को पहले चार सेमेस्टर में एक माइनर सब्जेक्ट भी लेना होगा, जो दूसरे संकाय का होगा। साथ ही छात्रों को हर सेमेस्टर में एक रोजगारपरक कोर्स भी लेना होगा। ऐसे तय हुआ है क्रेडिट

स्नातक और परास्नातक प्रथम वर्ष के 46 क्रेडिट होंगे, जिसमें तीन मुख्य विषय, एक माइनर, दो को-करिकुलम और दो रोजगारपरक विषय होंगे। इसे पास करने पर सर्टिफिकेट मिलेगा। दूसरे वर्ष में 92 क्रेडिट का कोर्स रहेगा। इसमें तीन मुख्य विषय, एक माइनर विषय, दो को-करिकुलम और दो रोजगारपरक विषय होंगे। इसे पास करने पर छात्र डिप्लोमा प्राप्त करेंगे। तीसरे वर्ष में 138 क्रेडिट का कोर्स हैं। इसमें दो मुख्य विषय, दो को- करिकुलम, एक व्यावसायिक पाठ्यक्रम और एक माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट होगा। इसे पूरा करने पर स्नातक की डिग्री दी जाएगी। चौथे वर्ष में 194 क्रेडिट हैं। इसमें छात्र एक मुख्य विषय, एक माइनर विषय, एक रिसर्च प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे। तब उन्हें बैचलर डिग्री विद रिसर्च की मार्कशीट मिलेगी। पांचवें वर्ष 246 क्रेडिट का कोर्स होगा। इसमें एक मुख्य विषय, एक माइनर विषय, एक रिसर्च प्रोजेक्ट होगा। इसे पास करने पर छात्र को मास्टर की डिग्री मिलेगी। छठे वर्ष के बाद पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रिसर्च की डिग्री दी जाएगी। सातवें और आठवें वर्ष में रिसर्च, प्रमुख विषय और रिसर्च करने पर पीएचडी की डिग्री दी जाएगी।

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