Ashtami Poojan: मेरठ और आसपास नवरात्र में अष्टमी के दौरान कन्याओं का किया गया पूजन
Ashtami Poojan अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा के महागौरी रूप का पूजन किया जाता है। इसके अगले दिन यानि नवमी 14 अक्टूबर को मनाई जाएगी। बुधवार को घरों में कन्याओं को जिमाया जा रहा है। इस दौरान कन्याओं के माथे पर तिलक सिर पर चुनरी बांधी गई।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Ashtami Poojan मेरठ और आसपास के जिलों में आज बुधवार को नवरात्र में आज अष्टमी पूजन के दौरान कन्याओं को जिमाया गया। घरों में कन्याओं के पूजन के साथ श्रृद्धालुओं ने अपना व्रत भी खोला। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि का पूजन होता है। बुधवार को अष्टमी शाम आठ बजे तक रही।
महागौरी रूप का पूजन
यहां पर गौरतलब है कि अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा के महागौरी रूप का पूजन किया जाता है। कन्या पूजन मुहूर्त सुबह 7:30 से 10:30 बजे तक रहा। इसके अगले दिन यानि नवमी 14 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन मां सिद्धिदात्री के पूजन का विधान है। साथ ही नवमी के दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। मंदिरों में भीड़ नजर आई। कई घरों में बड़ी संख्या कन्याओं का पूजन किया गया। वहीं बिजनौर के नगीना में माता की नौ स्वरूप कन्याओं के माथे पर तिलक, सिर पर चुनरी व पैरों में महावर लगाकर कन्याओं का महिलाओं ने किया सिंगार।
शक्ति रूपेण संस्थिता : मेरठ में कंठी माता मंदिर
मेरठ में कंठी माता मंदिर, बेगमपुल रोड पर बच्चा पार्क चौराहे से चंद कदमों की दूरी पर है। कहा जाता है कि अपने गंतव्य के लिए हरिद्वार से चलने वाले साधुओं का यहां पड़ाव होता था। पड़ाव के दौरान इस स्थान पर साधु सिद्धि के लिए आराधना करते थे। कंठी माता मंदिर की स्थापना भी साधुओं ने की थी। बाद में इसका जीर्णोद्धार हुआ। माता कंठी के साथ मंदिर में शीतला देवी, ललिता देवी, मसानी देवी व खो-खो देवी की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
यह है मान्यता
कंठी माता मंदिर में मुख्य देवी माता कंठी के बारे में कहा जाता है कि यहां रोग व्याधि शांति के लिए प्रार्थना की जाती है। कंठ संबंधी रोगों के लिए माता कंठी, चर्म रोग के लिए शीतला देवी, ह्दय संबंधी रोगों के लिए ललिता देवी व खांसी रोग के लिए खो-खो देवी की पूजा-आराधना की जाती है। नौ देवी के दिनों में दूर-दराज से श्रद्धालु माता कंठी मंदिर में आकर अपने बच्चों के लिए प्रार्थना करते हैं।