ट्राली में लदी पराली एचटी लाइन की चिगारी से राख

सरधना के जुल्हेडा रोड पर बुधवार को खेत से ट्रैक्टर-ट्राली में पराली लादकर ले जा रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 06:40 PM (IST) Updated:Wed, 31 Mar 2021 06:40 PM (IST)
ट्राली में लदी पराली एचटी लाइन की चिगारी से राख
ट्राली में लदी पराली एचटी लाइन की चिगारी से राख

मेरठ, जेएनएन। सरधना के जुल्हेडा रोड पर बुधवार को खेत से ट्रैक्टर-ट्राली में पराली लादकर दो युवक जा रहे थे। इसी दौरान एचटी लाइन के तार पराली में उलझ गए और उसकी चिगारी से आग लग गई। युवक ने ट्राली से पराली को जमीन पर डालना शुरू किया तो आग ने विकराल रूप ले लिया। शोर-शराबा होने पर आसपास के ग्रामीण आए और पानी से आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन, आग और बढ़ गई। वहीं, सूचना पर करीब डेढ़ घंटे बाद पहुंची दमकल विभाग की तीन गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया।

चालक जयवीर पुत्र खुरशेद व मुरसलीम पुत्र अजीज निवासी बढ़ी ने बताया कि वह जुल्हेडा रोड पर स्थित खेत से ट्रैक्टर-ट्राली में पराली लादकर कलवा पुत्र शबी मोहल्ला मंडी चमारान के यहां जा रहे थे। जब वह विष्णु गुर्जर के खेत के पास पहुंचे तो ट्राली में लदी पराली ग्यारह हजार की एचटी विद्युत लाइन में उलझ गई। इस पर एचटी लाइन की चिगारी से पराली में आग लग गई। चालक व साथी को आग लगने की जानकारी हुई तो उन्होंने पराली को जमीन पर डालना शुरू किया पर तेज हवा के चलते आग ने विकराल रूप ले लिया। शोर होने पर आसपास के लोग भी आ गए और पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। वहीं, सूचना पर पहुंची दमकल विभाग की तीन गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत कर करीब साढ़े तीन घंटे बाद आग पर काबू पाया।

ग्रामीण बोले, डेढ़ घंटे बाद पहुंची दमकल विभाग की गाड़ी

कलवा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि अगर सूचना पर दमकल विभाग की गाड़ी आधे घंटे में पहुंच जाती तो आग पर काबू पाया जा सकता था। लेकिन, ग्रामीणों का आरोप है कि दमकल गाड़ी करीब डेढ़ घंटे बाद पहुंची। कलवा ने बताया कि पशुओं के चारे व उनकी छत बनाने के लिए पराली मंगवा रहे थे। दमकल विभाग के अफसरों के अनुसार दौराला गंगनहर स्थित कार्यालय में विभाग के पास एक ही गाड़ी है। सूचना पर एक गाड़ी पहुंचने के बाद पानी खत्म हो गया था। ऐसे में आग पर काबू पाने के लिए मेरठ से दूसरी गाड़ी मंगवाई गई। लेकिन, जब हालात बेकाबू हो गए हो। इसके बाद पहली गाड़ी को फिर से भेजा गया। गनीमत रही जल्दी ही आग पर काबू पा लिया गया। वरना, आग बढ़ती तो आसपास के खेतों में कई बीघों में लगी ईख में आग लग जाती। वहीं, पराली में आग लगने के बाद वहां से गुजर रहे राहगीरों को सास लेने में भी तकलीफ हुई।

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