मेरठ : हस्तिनापुर में बनेगा अर्हं दर्शनम डिजिटल संग्रहालय व शोध केंद्र, केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने किया भूमि पूजन
हस्तिनापुर में अर्हं दर्शनम डिजिटल संग्रहालय शोध केंद्र का निर्माण शुरु हो गया है। जिसका गुरुवार को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने भूमि पूजन कर शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि इसके बनने से आगे आने वाली पीढ़ी इतिहास के बारे में बेहतर जान सकेंगी।
मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर में अर्हं दर्शनम डिजिटल संग्रहालय, शोध केंद्र का निर्माण शुरु हो गया है। जिसका गुरुवार को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने भूमि पूजन कर शिलान्यास किया। अर्हं दर्शनम का निर्माण मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज की पावन प्रेरणा से किया जा रहा है। इसके माध्यम से समाज की आने वाली पीढ़ी जैन समाज समेत हस्तिनापुर के गौरवमयी इतिहास को करीब से जान सकेगी।
पर्यटन मंत्री ने पांडव टीले का किया दौरा
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने गुरुवार को हस्तिनापुर स्थित पांडव टीले का निरीक्षण किया तथा प्राचीन अवशेषों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही टीले को अतिक्रमण मुक्त कराकर आइकोनिक साइट के रूप में विकसित करेंगे। इससे पूर्व उन्होंने श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर व जंबूद्वीप तीर्थ पर दर्शन किए।
मंदिर में टेका माथा
बुधवार की रात्रि में बड़ा मंदिर पहुंचे केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल व मेरठ सांसद राजेंद्र अग्रवाल अपने निर्धारित समय के अनुसार मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए पहुंच गए। सबसे पहले उन्होंने श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर में भगवंतों के दर्शन किए। इसके बाद वे जंबूद्वीप तीर्थ पहुंचे और आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी ससंघ का मंगल आशीर्वाद लिया। इसके बाद वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के उपमंडल कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने पांडव टीले से प्राप्त अवशेषों को देखा और उनकी विस्तार से जानकारी ली। इसके बाद वे उपमंडल कार्यालय के समीप से ही पांडव टीले के निरीक्षण के लिए निकले। उन्होंने अधीक्षण पुरातत्वविद डीबी गणनायक से विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
प्रहलाद सिंह पटेल ने साइन बोर्ड लगाने का दिया निर्देश
पर्यटन मंत्री ने कहा कि पांडव टीले पर जो भी प्राचीन अवशेष विद्यमान है, उन्हें पर्यटकों को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया जाए और उससे संबंधित साइन बोर्ड भी वहां लगाए जाए। ताकि पर्यटक आसानी से पौराणिक अवशेषों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। इसके बाद वे अमृत कूप से होते हुए रघुनाथ महल पहुंचे। उन्होंने रघुनाथ महल के बारे में भी जानकारी ली। श्री जयंती माता मंदिर में पूजा अर्चना करने के पश्चात पांडेश्वर मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने डीएम के बालाजी से समस्त पौराणिक स्थलों की जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि पांडव टीले को विश्वस्तरीय आइकोनिक साइट के रूप में विकसित करने का कार्य शुरु हो गया है। जल्द ही इसका बदला स्वरूप सभी के सामने होगा।
शीघ्र ही अतिक्रमण मुक्त होगा पांडव टीला
निरीक्षण के दौरान उन्हें पांडव टीले पर अतिक्रमण होने की जानकारी मिली तो उन्होंने ऐसे स्थानों को चिन्हित कर कार्यवाही करने की बात कही। उन्होंने जिलाधिकारी से भी कहा कि जल्द से जल्द पांडव टीले को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही अमल में लायी जाए।