क्या मेरठ में 86 फीसद छात्र कुपोषण के शिकार, बीएमआइ जांच में चौकानें वाले खुलासे

असंतुलित खानपान और अस्त-व्यस्त दिनचर्या छात्रों को कुपोषण का शिकार बना रहे हैं। गुरुवार को एनएएस इंटर कालेज में छात्रों की बीएमआइ यानी बाडी मास इंडेक्स की जांच की गई जिसमें करीब 86 फीसद छात्रों का वजन सामान्य से काफी कम पाया गया।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 09:42 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 09:42 AM (IST)
क्या मेरठ में 86 फीसद छात्र कुपोषण के शिकार, बीएमआइ जांच में चौकानें वाले खुलासे
क्या मेरठ में 86 फीसद छात्र कुपोषण के शिकार

जागरण संवाददाता, मेरठ। असंतुलित खानपान और अस्त-व्यस्त दिनचर्या छात्रों को कुपोषण का शिकार बना रहे हैं। गुरुवार को एनएएस इंटर कालेज में छात्रों की बीएमआइ यानी बाडी मास इंडेक्स की जांच की गई, जिसमें करीब 86 फीसद छात्रों का वजन सामान्य से काफी कम पाया गया। वहीं, कुछ छात्रों का वजन सामान्य से अधिक भी मिला। ऐसा माना जा रहा है कि अगर औसत संख्‍या सभी स्‍कूलों की ऐसी या इसके आसपास है तो यह गंभीर चिंता की बात है।

आजादी के 75 वर्ष पर देशभर में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके तहत एनएएस इंटर कालेज में हर दिन अलग-अलग कार्यक्रम हो रहे हैं। इसमें विज्ञान की 75 गतिविधियां कराई जा रही हैं।

इसी क्रम में गुरुवार को कक्षा सात व आठ के 52 छात्रों का बीएमआइ निकाला गया। इनमें केवल तीन छात्रों का ही बीएमआइ सामान्य निकला। चार छात्र ओवर वेट मिले। सबसे अधिक 45 छात्रों का वजन सामान्य से भी कम था। इससे पता चलता है कि ये सभी छात्र कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। छात्रों का औसत वजन 42.25 किलोग्राम रहा। जबकि औसत लंबाई 152 सेंटीमीटर थी। विज्ञान के शिक्षक दीपक शर्मा ने कक्षा सातवीं के 27 और कक्षा आठवीं के 25 छात्रों का परीक्षण किया।

जीवनशैली में भी सुधार जरूरी: डा. शिशिर

बाल रोग विशेषज्ञ डा. शिशिर जैन का कहना है कि बीएमआइ कई चीजों पर निर्भर करती है। इसमें खानपान के अलावा जीवनशैली कैसी है, यह भी निर्भर करता है। वजन को नियंत्रित करने के लिए खानपान सबसे जरूरी है। अगर वजन अधिक है तो नियमित अभ्यास से इसे नियंत्रित कर सकते हैं। थोड़ा काम करने वाले अधिक भोजन करते हैं, तो वजन बढ़ने का खतरा रहता है। वैसे ही अधिक काम करने वाले अगर कम खाते हैं तो कुपोषण की समस्या आ सकती है। अगर 18.5 से कम बीएमआइ है तो वजन सामान्य से कम है। 18.5 से 24.9 के बीच बीएमआइ होने पर वजन पूरी तरह से ठीक माना जाता है। 25 से अधिक बीएमआइ से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।

खानपान में ड्राइफ्रूट्स और दालें शामिल करें

डाइटीशियन डा. भावना गांधी का कहना है कि स्कूल जाने वाले बच्चे अक्सर सुबह जल्दबाजी में रहते हैं। बहुत से बच्चे सुबह कुछ खाए बगैर ही स्कूल चले जाते हैं, या जल्दबाजी में कुछ भी खा लेते हैं। इससे उन्हें उचित पोषण नहीं मिल पाता। संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी होता है। भोजन में प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम, खनिज लवण सभी का शामिल होना जरूरी है। बच्चों के खानपान में ताजी सब्जियां, फल, ड्राइफ्रूट्स, दालें जरूर शामिल करें।

एनएएस इंटर कालेज की प्रिंसिपल आभा शर्मा ने कहा: जांच के परिणाम वास्तव में चिंताजनक हैं। बच्चों को प्रोटीन की ज्यादा जरूरत है। बातचीत में पता चला है कि इनमें से अधिकांश बच्चे घर से बिना कुछ खाए ही आते हैं। सभी को खानपान पर ध्यान देने को कहा गया है। अभिभावकों से भी अपील है कि वह स्कूल भेजने से पहले बच्चों को पौष्टिक आहार खिलाएं। खाली पेट बच्चों को स्कूल न भेजें।

ऐसे निकालते हैं बीएमआइ

बीएमआइ निकालने के लिए पहले लंबाई मापी जाती है। फिर उस लंबाई को दोगुना कर संबंधित व्यक्ति के वजन से भाग देकर बीएमआइ निकालते हैं। 

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