मुश्किल में अन्नदाता, धान की फसल बचाने में जुटे
हस्तिनापुर में गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने की सूचना से खादर के किसानों में धान की फसल कटने के लिए अफरा-तफरी मच गयी। किसान धान की कटी फसल को ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने लगे।
मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर में गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने की सूचना से खादर के किसानों में धान की फसल कटने के लिए अफरा-तफरी मच गयी। किसान धान की कटी फसल को ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने लगे।
गंगा में एक बार फिर से बिना मौसम जलस्तर बढ़ गया। किसानों का कहना है कि अक्टूबर में गंगा का जलस्तर बढ़ना समझ से परे है। इस वर्ष इससे पूर्व जनवरी में गंगा का जलस्तर बढ़ने की खबर आई थी। इसके बाद ग्लेशियर फटने से गंगा का जलस्तर बढ़ने की सूचना मिली। तब पानी को श्रीनगर डैम पर ही रोककर आगे के क्षेत्र को सुरक्षित कर लिया गया था। इसके बाद जून माह में अचानक गंगा में जलस्तर बढ़ा और सवा चार लाख क्यूसेक पानी गुजर गया। तब तीन स्थानों से टूटे तटबंध ने खादर में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी थी। अब अक्टूबर में फिर से गंगा का जलस्तर बढ़ने की सूचना है। सबसे ज्यादा परेशानी धान बोने वाले किसानों को है। जिनकी फसल पककर तैयार है। हालांकि अधिकांश फसल की कटाई हो चुकी है, पर जिनकी फसल खेतों में है वे जल्द कटवाने के लिए कैंपेन वालों के चक्कर लगा रहे हैं।
जर्जर हाल में विद्युत पोल : सरूरपुर क्षेत्र के खिवाई नगर पंचायत में कुछ विद्युत पोल जर्जर हालत में है। ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन, समाधान नहीं हुआ।
खिवाई के वार्ड नंबर चार में गैस एजेंसी के सामने विद्युत पोल खड़ा है, जो लंबे समय से जर्जर हालत में है। आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है। इसी पोल के नीचे से बच्चों का भी आवागमन रहता है। आरोप है कि कई बार नगर पंचायत कार्यालय व विद्युत विभाग के कर्मचारियों को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन, समाधान नहीं हुआ। ऐसे में ग्रामीणों ने उच्चअधिकारियों से शिकायत करने की बात कही है। नगर पंचायत की चेयरपर्सन रंगीला बेगम ने बताया कि ऊर्जा निगम के अधिकारियों को सभी जर्जर पोल की सूची बनाकर भेज दी गई है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा।