Fight Against Corona: कोरोना संक्रमित होने पर भी सेवा धर्म नहीं भूलीं अनमेरिया, 150 पीड़ितों की बचाई जान

नर्स की सेवाएं भी किसी मायने में चिकित्सक से कम नहीं होतीं। यह साबित कर दिखाया है बिजनौर की सिस्टर अनमेरिया ने। खुद कोरोना पीड़ित होने के बावजूद सिस्टर अनमेरिया ने 150 कोरोना पीड़ितों की जानें बचाई हैं।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 05:34 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 05:34 PM (IST)
Fight Against Corona: कोरोना संक्रमित होने पर भी सेवा धर्म नहीं भूलीं अनमेरिया, 150 पीड़ितों की बचाई जान
प्रेमधाम में नि:शक्त बच्चों की देखभाल में लगीं सिस्टर अनमेरिया।

ब‍िजनौर, [चरनजीत सिंह]। यूं तो चिकित्सक को धरती का भगवान कहा जाता है, मगर यह भी सच है कि नर्स की सेवाएं भी किसी मायने में चिकित्सक से कम नहीं होतीं। यह साबित कर दिखाया है सिस्टर अनमेरिया ने। खुद कोरोना पीड़ित होने के बावजूद सिस्टर अनमेरिया ने 150 कोरोना पीड़ितों की जानें बचाई हैं।

प्रेमधाम आश्रम में एक महीना पहले कोरोना संक्रमण फैल गया था। आश्रम संचालकों समेत आश्रम में रहने वाले सभी सदस्य इसकी चपेट में आए। शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ विभिन्न आयु वर्ग के लोग अपनी परेशानी बता पाने में सक्षम नहीं थे।

आश्रम संचालक फादर शिबू थामस ने जांच कराई तो आश्रम में कोरोना संक्रमण फैलने का पता चला था। आश्रम में रह रहे 150 से अधिक निशक्तजनों की सेवा कर रहीं सिस्टर अनमेरिया भी कोरोना पाजिटिव निकलीं। आनन-फानन में सभी सदस्यों को होम आइसोलेट कर दिया गया, लेकिन सिस्टर अनमेरिया ने एहतियात बरतते हुए सेवाकार्य जारी रखा। उन्होंने एक नर्स का दायित्व निभाते हुए आश्रमवासियों में ऐसी जान फूंकी कि एक महीने बाद आश्रम के सभी सदस्य स्वस्थ हो गए। अब भले ही आश्रम में कोई कोरोना पाजिटिव नहीं है, लेकिन सिस्टर अनमेरिया की सेवाएं जारी हैं।

छुट्टी पर चली गई थीं दो सहयोगी

केरल निवासी सिस्टर अनमेरिया आश्रम में छह महीने से हैं। उनसे पहले से सिस्टर अंसीना, सिस्टर सुशीला आश्रम को सेवाएं दे रही थीं। संयोग से वे अप्रैल की शुरुआत में केरल चली गई थीं। आश्रम में कोरोना बम फूटा तो सिस्टर अनमेरिया ने फादर बेनी और सिस्टर रुबीना के साथ मोर्चा संभाला।

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