Air Pollution : त्वचा का ‘नूर’ भी छीन रहा प्रदूषण, रोजाना 500 मरीज OPD में पहुंच रहे Meerut News
Air Pollution यह बात गौर करने वाली है कि बढ़ते प्रदूषण का असर केवल सांस के मरीजों तक ही सीमित नहीं रहा वायू प्रदूषण हमारी त्वचा को भी प्रभावित कर रहा है।
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। Air Pollution वायु प्रदूषण की गिरफ्त में फंसे मेरठ में स्किन के मरीज बेतहाशा बढ़े हैं। मेडिकल कॉलेज में रोजाना पांच सौ मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। स्किन में सूखेपन के साथ खुजली से कई बार घाव भी बन गए। ओपीडी में पहुंचे मरीजों में बड़ी संख्या में एक्जिमा के शिकार थे। चिकित्सकों का कहना है कि प्रतिरोधक क्षमता कम होने से खाल में बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो रही है। संक्रमण जल्द होता है।
खुजली से फंगल इंफेक्शन
मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डा. आरपी शर्मा ने बताया कि पीएम-2.5 एवं पीएम-10 की बढ़ी मात्रा न सिर्फ सांस पर असर डालती है, बल्कि स्किन पर भी खतरा है। लंबे समय तक प्रदूषण स्किन पर रहने से फोटोसेंसिटीविटी का रिस्क है। जिला अस्पताल की स्किन ओपीडी में कई ऐसे मरीज पहुंचे, जिन्हें खुजली से फंगल इंफेक्शन हो गया था। चिकित्सकों ने बताया कि मौसम साफ होने और धूप के बावजूद स्किन पर प्रदूषण का असर बना रहता है। विषाक्त कण फिर से स्किन पर पहुंचकर एलर्जी बनाते हैं। उधर, बड़ी संख्या में एक्जिमा यानी स्किन पर दाने से पानी निकलने के मरीज मिले। इसमें स्किन पर छिलका पड़ जाता है। डर्मडाइटिस भी हो सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
प्रदूषण से त्वचा में सूखापन, एलर्जी और ज्यादा खुजलाने पर जख्म बनता है। बैक्टीरियल व फंगल संक्रमण हो सकता है। प्रदूषण की वजह से सन एलर्जी भी होती है। दाने से पानी निकलने और रिंग वर्म भी होता है।
- डा. आरपी शर्मा, पूर्व विभागाध्यक्ष, स्किन रोग विभाग, मेडिकल कालेज
प्रतिरोधक क्षमता गिरने से खाल में संक्रमण से लड़ने की क्षमता खत्म होती है। स्किन में एलर्जी बढ़ी है। प्रदूषण के दौरान कई बार सिर में भी एक्जिमा हो जाता है। विटामिन-सी युक्त खानपान लें। शरीर व सिर को रोज धोएं।
- डा. शिशिर गुप्ता, चर्म रोग विशेषज्ञ