Air Pollution News: हवा में इतना जहर कि आधी उम्र में घुट गया दम, पढ़िए-क्‍या कहते हैं मेरठ के विशेषज्ञ

Air Pollution News वायु प्रदूषण अब बेहद ही घातक रूप में उभर रहा है। 2010-2020 के बीच वायु प्रदूषण से प्री-मेच्योर मौतों का आंकड़ा दस गुना। और खास बात यह है कि तापमान कम होने से हवा में तैरते प्रदूषित कण निचली सतह में आ गए हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 08:50 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 08:50 AM (IST)
Air Pollution News: हवा में इतना जहर कि आधी उम्र में घुट गया दम, पढ़िए-क्‍या कहते हैं मेरठ के विशेषज्ञ
49 फीसद की मौत हार्ट अटैक से, 57 फीसद योगदान पीएम 2.5 का।

संतोष शुक्ल, मेरठ। Air Pollution News वायुमंडल में गहराती धुंध विषाक्त कणों का काकटेल है। वायु प्रदूषण पांचवां सबसे बड़ा किलर बन चुका है। ग्लोबल बर्डेन आफ डिसीज की रिपोर्ट बताती है कि मेरठ-एनसीआर में पीएम 2.5 की मात्रा मानक से कई गुना होने से बड़ी संख्या में लोग हार्ट अटैक के शिकार हुए। वायु प्रदूषण की वजह से पिछले दस साल में प्री-मेच्योर मौतों का आंकड़ा दस गुना हुआ है। 70 फीसद बच्चों में सांस की बीमारी उभर आई है।

पांचवा बड़ा किलर

मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. अरविंद का कहना है कि तापमान कम होने से हवा में तैरते प्रदूषित कण निचली सतह में आ गए हैं। हाई ब्लड प्रेशर, इंडोर प्रदूषण, तंबाकू, धूमपान एवं पोषण की कमी के बाद वायु प्रदूषण अब पांचवां सबसे बड़ा किलर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने माना है कि एनसीआर की हवा में निकिल, कैडमियम, लेड, मालिब्डेनम और जिंक जैसे भारी तत्व डेढ़ से दोगुना बढ़े हैं।

49 फीसद की हार्ट अटैक से मौत

ग्लोबल बर्डेन डिसीज की रिपोर्ट बताती है कि दशकभर में वायु प्रदूषण की वजह से एक्यूटर लोअर रिस्पेरेटरी इंफेक्शन, सीओपीडी, हार्ट डिसीज, लंग्स कैंसर के मरीज कई गुना बढ़े। भारत में 2000 से 2010 के बीच प्री-मेच्योर मौतें छह गुना थी। जो 2020 तक दस गुना हो गई। स्टेट आफ ग्लोबल एयर की रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में 57 फीसद योगदान पीएम 2.5 का था।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

मेरठ में पुराने डीजल वाहन, ईंट-गिट्टी की दुकानों से उठती धूल, औद्योगिक चिमनियां, जनसेट और कचरा जलाने से बड़ी मात्रा में वायु प्रदूषण दर्ज होता है। तीन टीमें गठित की गई हैं, जो प्रदूषणकारी इकाइयों पर अंकुश लगाएंगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन सख्त है।

- डा. योगेंद्र, अध्यक्ष, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

वायु प्रदूषण से एथरोस्क्लेरोसिस यानी धमनियों में वसा, कैल्शियम व कोलेस्ट्राल का प्लाक तेजी से बनता है, जिससे दिल तक आक्सीजनयुक्त रक्त पहुंचने में बाधा आती है। युवाओं में भी दिल का दौरा व स्ट्रोक बढ़ा है।

- डा. विनीत बंसल, हृदय रोग विशेषज्ञ

सितंबर की तुलना में अक्टूबर में छींक, नाक और गले में दर्द, गला खराब, सांस फूलने, एलर्जिक रानाइटिस एवं खांसी के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है। हवा में सल्फर एवं नाइट्रोजन की मात्रा बढऩे से सांस नलिका में एलर्जी होती है। मास्क जरूर लगाएं।

- डा. सुमित उपाध्याय, ईएनटी विशेषज्ञ

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