Air Pollution in Meerut: कंट्रोल रूम से रखी जाएगी शहर की आबोहवा पर नजर, अफसरों ने की यह तैयारी

Air Pollution in Meerut मेरठ वायु प्रदूषण लंबे से एक बड़ी समस्‍या है। सर्दी के मौसम में स्‍माग बढ़ने से यह और खतरनाक हो जाती है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों ने इसी को लेकर एक कार्ययोजना तैयार की है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 11:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:00 AM (IST)
Air Pollution in Meerut: कंट्रोल रूम से रखी जाएगी शहर की आबोहवा पर नजर, अफसरों ने की यह तैयारी
सर्दियों के मौसम होने वाले स्‍माग से निपटने की कवायद की जा रही है।

मेरठ,जागरण संवाददाता। मेरठ शहर में वायु गुणवत्ता की स्थिति काफी चिंताजनक है। सर्दियों के मौसम में प्रदूषण के चलते स्माग से जनजीवन अस्त-व्यस्त होता है। गत कई वर्षों से खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 15 वें वित्त आयोग के मद में वायु गुणवत्ता सुधार का बजट निर्धारित किया है। ताकि व्यवस्थाएं बनाकर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके।

28 करोड़ का आएगा खर्च

इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों ने एक कार्ययोजना तैयार की है। दो चरणों में करीब 28 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। पहले चरण में 10 करोड़ रुपये की मांग नगर निगम से वायु गुणवत्ता सुधार के मद से की गई है। नगर निगम ने छह करोड़ रुपये की प्रथम किश्त उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदान की है। इस धनराशि से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहर की आबोहवा पर नजर रखने के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित करेगा। जहां से शहर की आबोहवा की स्थिति परखी जाएगी।

मानीटरिंग सिस्टम

वायु गुणवत्ता खराब करने के कारणों को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। ए क्यू आई टूल्स, नोयस मीटर आदि की खरीदी होगी। वायु प्रदूषण की गुणवत्ता की स्थिति बताने वाले उपकरण लगाए जाएंगे। मानीटरिंग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। जबकि नगर निगम एंटी स्माग गन मशीन, वाटर स्प्रिंकलर मशीन की खरीदी करेगा। बता दें कि मेरठ में वायु गुणवत्ता खराब होने की वजह धूल को माना गया है। यह निर्माण कार्यों के लिए खोदाई से उत्पन्न होती है। निर्माण सामग्रियों के खुले परिवहन की वजह से होती है।

मेरठ नगर निगम की कवायद

साफ-सफाई न होने से सड़क के डिवाइडर किनारे धूल जमा होती है। इसके अलावा कूड़ा जलाने और बड़े पैमाने पर डंप कचरा भी एक वजह है। यही वजह है कि वायु गुणवत्ता सुधार के साथ-साथ ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन के लिए भी केंद्र सरकार ने 15 वें वित्त आयोग में बजट का प्रविधान किया है। मेरठ नगर निगम को दोनों ही मदों में कुल 144 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। नगर निगम इस बजट से बड़ी संख्या में सड़क, रोड पटरी, ग्रीन बेल्ट विकसित करने की कार्य योजना प्रस्तावित कर चुका है। खुले खत्तों को कवर्ड करने व पोर्टेंबल कंपेक्टर में बंद कचरा रखने की कार्य योजना पर भी काम कर रहा है।

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