सीसीएसयू में शुरू होंगे कृषि आधारित नए कोर्स

प्रदेश के विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों में कृषि निर्यात पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन और प्रौद्योगिकी में डिग्री डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। इसके लिए शासन की ओर से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को कृषि आधारित कोर्स तैयार करने के लिए कहा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 09:15 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 09:15 AM (IST)
सीसीएसयू में शुरू होंगे कृषि आधारित नए कोर्स
सीसीएसयू में शुरू होंगे कृषि आधारित नए कोर्स

मेरठ, जेएनएन। प्रदेश के विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों में कृषि निर्यात, पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन और प्रौद्योगिकी में डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। इसके लिए शासन की ओर से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को कृषि आधारित कोर्स तैयार करने के लिए कहा गया है। विवि के रजिस्ट्रार ने कृषि संकाय के अध्यक्ष को शासनादेश के क्रम में छात्रहित में कोई पाठ्यक्रम बनाने के लिए कहा है। ऐसे में अगले सत्र तक कृषि से संबंधित कुछ कोर्स डिजाइन किए जा सकते हैं।

कृषि शिक्षा में मिलेगा प्रोत्साहन

उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति के तहत कृषि निर्यात, पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन, प्रौद्योगिकी में कोर्स संचालित करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। इसमें कृषि आधारित कोर्स शुरू किए जाने पर फीस में 50 प्रतिशत की छूट या 50 हजार रुपये शुल्क हर छात्र को मिलेगी। छात्रों को यह अनुदान विश्वविद्यालय या कालेज से दिया जाएगा।

आम, बासमती चावल की पढ़ाई

कृषि निर्यात, प्रबंधन, पोस्ट हार्वेस्ट, प्रौद्योगिकी से संबंधित कोर्स के साथ अलग-अलग फसलों को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में होने वाली फसलों और उत्पादों को क्लस्टर में शामिल किया गया है। इसमें आम, बासमती चावल, पशु, डेयरी और उनके उत्पाद, अचार, फ्रोजन सब्जियां, जूस, जैम, रेडी टू ईट-रेडी टू कुक, खाद्यान्न, नमकीन आदि के उत्पादन, बनाने के तरीके, निर्यात आदि के विषय को भी छात्र पढ़ेंगे। इससे इस क्षेत्र की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।

जैव प्रौद्योगिकी के उद्देश्य से सेमिनार

गंगानगर : आइआइएमटी विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन सेल व रिसर्च एंड डवलपमेंट सेल ने डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नोलोजी के डीबीटी-सीटेप स्कीम के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी विषय पर अंतरराष्ट्रीय आनलाइन व्याख्यान आयोजित किया। इसका उद्देश्य भारत में जैव प्रौद्योगिकी के बारे में अधिकाधिक प्रचार करना था। मुख्य वक्ता के रूप में एडो स्टेट यूनिवर्सिटी यूजारे के माइक्रोबायोलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष चा‌र्ल्स ओलूवेसन एडिटउंजी रहे। व्याख्यान का शुभारंभ आइआइएमटी के कुलपति प्रो. एचएस सिंह ने किया। सेमिनार के आयोजन में आइआइएमटी विवि की प्रो. वाइस चांसलर प्रो. दीपा शर्मा का विशेष योगदान रहा। कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता व समूह के प्रबंध निदेशक मयंक अग्रवाल ने शुभकामनाएं दी।

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