विदेश में छाएंगे बागपत के कृषि उत्पाद, उच्च गुणवत्ता के अन्न और फल-सब्जी को मिलेगी नई पहचान
बागपत की मिट्टी काफी उर्वरा होने से भरपूर फसल उत्पादन होता है। गन्ना व गेहूं उत्पादन में बागपत प्रदेश में टाप-फाइव में रहता है। बेशक धान खेती का एरिया कम है लेकिन बागपत के किसान उम्दा बासमती धान पैदा करते हैं। रटौल गांव का आम भी लाजवाब है।
बागपत, जागरण संवाददाता। यह खबर बागपत के किसानों को सुकून देने वाली है। प्रदेश सरकार अब बागपत के किसानों से कलस्टर में खेती कराकर उच्चगुणवत्ता का गेहूं, चावल व फल-सब्जियां पैदावार कराकर विदेश में निर्यात कराएगी। मकसद कृषि आमदनी में बढोत्तरी कराकर किसानों के चेहरों पर मुस्कुराहट लाना है।
प्रदेश में टाप फाइव पर
बागपत की मिट्टी काफी उर्वरा होने से भरपूर फसल उत्पादन होता है। गन्ना व गेहूं उत्पादन में बागपत प्रदेश में टाप-फाइव में रहता है। बेशक धान खेती का एरिया कम है लेकिन बागपत के किसान उम्दा बासमती धान पैदा करते हैं। रटौल गांव का आम तो इतना लाजवाब है कि नाम सुनते ही मुंह में मिश्री घुलने लगती है। हरी सब्जियों की खेती भी भरपूर होती है। इसके बावजूद कई बार किसानों को उचित दाम नहीं मिलता है लेकिन अब कृषि निर्यात नीति के तहत खेती में बदलाव होगा।
कलस्टर गठन के निर्देश
विदेश कृषि निर्यात नीति का फायदा किसानों तक पहुंचाने को शासन ने कलस्टर गठित कराकर किसानों से उच्च गुणवत्ता का फसल उत्पादन का आदेश दिया है। कलस्टर में किसानों से उच्च गुणवत्ता का अन्न, फल और सब्जियों का उत्पादन कराएंगे। दूध और दूध से बने उत्पादों की गुणवत्ता सुधार के लिए काम होगा। फसल उत्पादन से लेकर निर्यात तक की जानकारी किसानों को दी जाएगी।
बढ़ेगी किसानों की आय भी
निर्यात से कृषि उत्पादों का दाम अच्छा मिलेगा जिससे किसानों की आय बढ़ेगी। कलस्टर को 12 लाख रुपये तक सब्सिडी मिलेगी। बागपत में 30 कलस्टर गठित होंगे। कलस्टर गठन को डीएम की अध्यक्षता में गठित होगी जिसमें जिला कृषि अधिकारी सदस्य सचिव, सीडीओ, जिला उद्यान अधिकारी तथा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सदस्य होंगे।
इनका कहना है
विदेश कृषि निर्यात नीति के तहत कलस्टर गठित कराकर किसानों को कीटनाशक रहित फसल उत्पादन कराएंगे ताकि उसे विदेशों को निर्यात कराया जा सके।
- प्रशांत कुमार, उप कृषि निदेशक