Hastinapur Sanctuary : नए सर्वे के बाद हस्तिनापुर सेंक्चुरी में रह जाएंगे 115 गांव, बिजनौर में संशोधित सीमा तय करने में जुटी टीमें
Hastinapur Sanctuary हस्तिनापुर वन्य जीव-जन्तु विहार की प्रथम अधिसूचना वर्ष 1986 में लागू हुई थी। 73 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस जीव-जन्तु विहार में हिरन सांभर चीतल नीलगाय तेंदुआ जंगली बिल्ली और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां हैं। इसमें बिजनौर और चांदपुर तहसील का दस किलोमीटर का हिस्सा आता है।
बिजनौर, जागरण संवाददाता। वन और राजस्व विभाग की टीमें बिजनौर और चांदपुर तहसील क्षेत्र में गंगा के बाएं किनारे स्थित हस्तिनापुर वन्य जीव-जन्तु विहार की संशोधित सीमा तय करने में जुटी हैं। नए गजट पर आई पांच आपत्तियों का निस्तारण भी तेजी से हो रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, नए सर्वे के बाद 115 गांव ही सेंक्चुरी में रह जाएंगे, जबकि सेंक्चुरी गठन के समय 327 गांव शामिल थे।
सेंक्चुरी में हैं पशु-पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां
हस्तिनापुर वन्य जीव-जन्तु विहार की प्रथम अधिसूचना वर्ष 1986 में लागू हुई थी। 73 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस जीव-जन्तु विहार में हिरन, सांभर, चीतल, नीलगाय, तेंदुआ, जंगली बिल्ली और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां हैं। इसमें बिजनौर और चांदपुर तहसील का दस किलोमीटर का हिस्सा आता है। सेंक्चुरी की स्थापना के वक्त बिजनौर से मंडावर रोड तथा बिजनौर से चांदपुर रोड को ही मान लिया गया था। बिजनौर और चांदपुर शहर को भी सेंक्चुरी में शामिल किया गया था।
इन हालात से निपटने के लिए वन विभाग ने हस्तिनापुर वन्य जीव-जन्तु विहार की सीमा के पुन: निर्धारण की कवायद शुरू की। डीएम की ओर से डीएफओ डा. एम. सेम्मारन, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर विक्रमादित्य मलिक और एसडीएम चांदपुर की अगुवाई में टीम गठित की गई हैं।
इन्होंने कहा
हस्तिनापुर वन्य जीव-जन्तु विहार में गठन के वक्त 327 गांव शामिल किए थे। नए सर्वे के बाद सिर्फ 115 गांव ही सेंक्चुरी में रह जाएंगे। बिजनौर एवं चांदपुर तहसील क्षेत्र में सर्वे तेजी से चल रहा है। पांच आपत्तियों पर सुनवाई की जा रही है। सर्वे के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी।
-उमेश मिश्र, डीएम।