Saharanpur Panchayat Chunav 2021: मतदान के बाद अब जीत-हार के गणित में जुटे समर्थक

Saharanpur Panchayat Chunav 2021 पंचायत चुनाव में मतदान की समाप्ति के बाद जहां पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। वहीं ग्राम प्रधान व जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी समर्थक जीत-हार की गुणा भाग में लग गए हैं।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 11:47 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 11:47 PM (IST)
Saharanpur Panchayat Chunav 2021: मतदान के बाद अब जीत-हार के गणित में जुटे समर्थक
मतदान के बाद अब जीत-हार के गणित में जुटे समर्थक

सहारनपुर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान की समाप्ति के बाद जहां पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। वहीं ग्राम प्रधान व जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी समर्थक जीत-हार की गुणा भाग में लग गए हैं। दो मई को परिणाम कुछ भी आए लेकिन प्रधानी का चुनाव लड़ने वाले अगले 15 दिन तक प्रधान जी जरुर कहलाए जाएंगे।

वहीं अब तक चुनाव में मस्त गांव के मजदूर तबका लोगों ने अब खेतों का रुख कर लिया है जिससे गेहूं की कटाई में भी अब तेजी आएगी। पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद गांव में अब ऊंट किस करवट बैठेगा इसको लेकर गांव चौपाल में हुक्के की गुडग़ुड़ाहट के साथ चर्चा तेज हो गई है। समर्थक अपने-अपने तरीके से प्रत्याशियों को वोट का आंकलन दे रहे हैं। कोई उनके वादे व दावतों की जमकर तारीफ कर रहे हैं तो वही एक गांव में सभी प्रत्याशी एक जगह बैठकर भाईचारे की बात करते नजर आए।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लडऩे वाले सभी प्रत्याशी व उनके समर्थकों की धड़कनें हार-जीत के परिणामों को लेकर बढ़ती जा रही हैं। गांव-गांव, गली मोहल्लों व चौपालों आदि पर लोग एकत्रित होकर अपने-अपने प्रत्याशी की जीत-हार के आंकड़े वोटर लिस्ट आदि के द्वारा लगाने में जुटे देखे गए। कभी किसी को जीत का हार पहनाते हैं तो कभी किसी को। यह नजारा अनेक गांवों में भ्रमण के दौरान देखने व सुनने को मिला। एक गांव में प्रधान पद के प्रत्याशी एक जगह बैठकर गिले शिकवे दूर कर भाईचारे की बात करते नजर आए। कुछ गांवों में चौपालों पर चर्चा करते हुए ग्रामीण यह कहते हुए सुने गये कि फलां प्रत्याशी चुनाव हार गया तो वह बर्बाद हो जाएगा क्योंकि उसने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था। चुनाव में दिल खोलकर पैसा खर्च करने वाले भी चर्चाओं के केंद्र में थे।चुनाव लडऩे वाले सभी प्रत्याशी गांव में बिना प्रधान बने ही प्रधान कहते सुनाई दिए जिससे वह भी फुले नही समा रहे है। कुछ प्रत्याशियों ने मतदान के बाद ग्रामीणों का आभार भी जताया।

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