रैना के बाद भुवी को मिली टीम इंडिया में अहम जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश के क्रिकेट इतिहास में सुरेश रैना के कप्तान बनने के बाद केवल भुवनेश्वर कुमार ही ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्हें टीम इंडिया के उप-कप्तान की जिम्मेदारी मिली है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 07:44 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:44 AM (IST)
रैना के बाद भुवी को मिली टीम इंडिया में अहम जिम्मेदारी
रैना के बाद भुवी को मिली टीम इंडिया में अहम जिम्मेदारी

मेरठ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के क्रिकेट इतिहास में सुरेश रैना के कप्तान बनने के बाद केवल भुवनेश्वर कुमार ही ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्हें टीम इंडिया के उप-कप्तान की जिम्मेदारी मिली है। भुवनेश्वर कुमार जुलाई में श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम के उप-कप्तान होंगे। बेहद शांत स्वभाव वाले स्विंग मास्टर भुवनेश्वर कुमार को यह जिम्मेदारी मिलने से मेरठ के साथ ही प्रदेश भर के क्रिकेटरों में खुशी की लहर दौड़ गई है। पिछले दो दशक में भारतीय टीम में मेरठ के खिलाड़ियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही है।

रणजी से आइपीएल तक कर चुके हैं कप्तानी

भुवनेश्वर कुमार करीब दो साल पहले आइपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए एक ही सीजन में लगातार आठ मैचों में कप्तान रहे थे। उनकी कप्तानी से वीवीएस लक्ष्मण भी काफी प्रभावित रहे। इसी साल आइपीएल के ठीक पहले रणजी ट्राफी के दौरान उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने भुवनेश्वर कुमार को विजय हजारे ट्राफी में टीम का कप्तान बनाया था। उप्र टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और कोटला में मुंबई के खिलाफ फाइनल मैच खेलकर उप-विजेता रही। हालांकि भुवनेश्वर कुमार इस ट्राफी में लीग मैच तक ही खेल सके थे और टीम इंडिया के साथ इंग्लैंड दौरे पर चले गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि टीम इंडिया में भुवी को उप-कप्तान की जिम्मेदारी उनके पिछले अनुभवों और कप्तान के तौर पर प्रदर्शन को देखते हुए ही दी गई है।

रैना का प्रदर्शन भी रहा था सराहनीय

सुरेश रैना उत्तर प्रदेश के पहले खिलाड़ी थे जिन्हें साल 2010 में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनने का अवसर मिला। अवसर कम मिले लेकिन उनके प्रदर्शन में खट्ठे-मीठे अनुभव रहे। रैना की कप्तानी में साल 2010 से साल 2014 के दौरान भारतीय टीम ने 12 एक दिवसीय मैच खेले। इनमें छह जीते, पांच हारे और एक मैच बराबरी पर खत्म हुआ। इनमें साल 2010 में जिंबाब्वे दौरा और 2011 में व‌र्ल्ड कप के बाद वेस्टइंडीज दौरा भी शामिल है। इसके अलावा तीन टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले जिसमें तीनों में विजेता रहे। सुरेश रैना की कप्तानी में ही विराट कोहली और आर. अश्विन ने टी-20 डेब्यू किया था।

पिता नहीं देख पाए यह खुशी

भुवनेश्वर की हर छोटी-बड़ी सफलता पर गौरवान्वित होने और दूसरों से भी साझा करने वाले पिता किरणपाल सिंह यह खुशी नहीं देख पाए। पिछले महीने 20 मई को लंग कैंसर से पीड़ित किरणपाल सिंह की मृत्यु हो गई थी। परिवार के अन्य सदस्य भी बीमार थे जिनकी देखभाल भुवनेश्वर ही कर रहे थे।

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विजय हजार ट्राफी में उप्र टीम के कप्तान के तौर पर भुवनेश्वर का प्रदर्शन काफी अच्छा था। हमारी टीम उप-विजेता रही थी। इसके साथ ही भुवी के व्यवहार और व्यक्तित्व के कारण ही उन्हें यह जिम्मेदारी मिली है। टीम में ऐसे कई युवा खिलाड़ी हैं जो पहली बार भारतीय टीम की जर्सी पहन रहे हैं। इससे युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

-डा. युद्धवीर सिंह, सचिव, उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन

-यह मेरठ शहर और मेरठ के क्रिकेट के लिए गौरव की बात है। हमारे बीच का खिलाड़ी आज टीम इंडिया का उप-कप्तान है। इसी तरह खिलाड़ियों को अहम जिम्मेदारी मिलती है जिससे वह और परिपक्व हो सकें। इससे हमारे सभी खिलाड़ियों को और अधिक ऊर्जा मिलेगी और वह बेहतर करने की कोशिश करेंगे।

-सुरेंद्र चौहान, सचिव, मेरठ डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन

-यह भुवी के करियर की बड़ी उपलब्धि तो है ही, एक कोच के तौर पर मुझे हमारे शहर के खिलाड़ी पर गर्व है। मैंने अपनी आंखों के सामने भुवी को और उनके खेल को बढ़ते देखा है। यह मेरठ के क्रिकेट के लिए भी बड़ी उपलब्धि है। आशा है कि यह जिम्मेदारी भी भुवनेश्वर ठीक से निभाएंगे।

-संजय रस्तोगी, कोच, एमडीसीए

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