17 अप्रैल तक न्यायाकि कार्य से विरत रहेंगे अधिवक्ता
कोरोना वायरस के संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को मवाना बार एसोसिएशन ने कार्यविरत रहने का निर्णय लिया है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को मवाना बार एसोसिएशन व मवाना सिविल बार एसोसिएशन ने बार हाल में संयुक्त बैठक करके अति आवश्यक कार्य को छोड़कर 12 से 17 अप्रैल तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता सोमवार को भी न्यायिक कार्य से विरत रहे।
बार हाल में सुबह 11 बजे अधिवक्ताओं की आम सभा हुई। जिसमें उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय प्रयागराज निर्देशन में कोरोना वायरस संक्रमण मद्देनजर 12 से 17 अप्रैल तक न्यायालय बंद किये जाने के चलते दोनों बार मवाना बार एसोसिएशन व सिविल बार एसोसिएशन मवाना के अधिवक्ताओं ने अति आवश्यक कार्य को छोड़कर बाकि सभी न्यायिक कार्यों से विरत रहने का निर्णय लिया। इसी के चलते सोमवार को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। बैठक की अध्यक्षता शेख शमशुद्दीन एडवोकेट व संचालन बिजेंद्र सिंह एडवोकेट व अशोक नागर एडवोकेट ने संयुक्त रूप से किया।
तहसील में कामकाज रहा प्रभावित
तहसील में सोमवार को न्यायालय बंद रहने और वकीलों के न्यायायिक कार्य से विरत रहने के कारण कामकाज प्रभावित रहा। वादकारियों को घंटों प्रतीक्षा के बाद मायूस होकर लौटना पड़ा।
मस्जिद में 100 लोगों को नमाज पढ़ने की मिले छूट: शहर काजी मौलाना नफीस अहमद कासमी ने सोमवार उपजिलाधिकारी मवाना को सौंपे ज्ञापन में रमजान का हवाला देते हुए मस्जिदों में कम से कम 100 लोगों को नमाज पढ़ने की छूट देने की मांग की। उन्होंने धर्मस्थल में पांच लोगों के प्रवेश के आदेश पर सवाल भी उठाए।
सोमवार को शहर काजी मौलाना नफीस ने जिलाधिकारी के नाम उपजिलाधिकारी कमलेश गोयल को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि बाजार, तहसील कचहरी, ट्रांसपोर्ट आदि खुले हुए हैं। यहां तक कि शराब ठेके, सिनेमा हाल समेत अन्य भी खुले हुए हैं। ऐसे में धर्मस्थलों में सिर्फ पांच लोगों का प्रवेश के आदेश बेमानी है। उक्त आदेश पर पुन: विचार कर रमजान महीने में कम से कम 100 लोगों को मस्जिद में नमाज पढ़ने की छूट की मांग की। इस दौरान अन्य लोग भी मौजूद रहे।