गंगा मेला लगाने को प्रशासन जल्द ले निर्णय

मवाना के मखदूमपुर गंगा घाट पर काíतक पूíणमा पर लगने वाला मेला दो वर्ष से कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया। वर्ष -2018 में मेले का आयोजन हुआ जबकि वर्ष 2019-20 में जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। अब सभी बंदिशे खत्म हो गयी तो मेला आयोजन का दबाव बढ़ गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:53 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:53 PM (IST)
गंगा मेला लगाने को प्रशासन जल्द ले निर्णय
गंगा मेला लगाने को प्रशासन जल्द ले निर्णय

मेरठ, जेएनएन। मवाना के मखदूमपुर गंगा घाट पर काíतक पूíणमा पर लगने वाला मेला दो वर्ष से कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया। वर्ष -2018 में मेले का आयोजन हुआ जबकि वर्ष 2019-20 में जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। अब सभी बंदिशे खत्म हो गयी तो मेला आयोजन का दबाव बढ़ गया। जबकि जलभराव के बावजूद भी श्रद्धालु मेला आयोजन की अनुमति चाहते हैं।

-क्या कहते है गणमान्य

-मखदूम प्रधान भारत सिंह का कहना है मेला आस्था व अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। स्थानीय लोग मेले के माध्यम से जीविका चलाते हैं। गढ़मुक्तेश्वर की भांति यहां भी मेला आयोजन की अनुमति दें।

-पूर्व प्रधान राजकुमार का कहना है यह आस्था व संस्कृति से का प्रतीक है। यह आगे भी चलती रहे मेले की अनुमति दी जानी चाहिए।

-दूधली खाद के प्रधान बालेश्वर प्रसाद ने कहा कि मखदूमपुर मेला आस्था, श्रद्धा और अर्थ का मेला है। गरीबों लोगों की जीविका चलती है। अनुमति मिलनी चाहिए।

-दूधली के पूर्व प्रधान लीलू का कहना है कि दूर दराज के लोग भी गंगा में पुण्य के लिए आते हैं। स्थानीय लोग तो यहां जुड़े ही हैं। मेला आयोजन को व्यवस्था करन अनुमति देनी चाहिए।

-आस्था के साथ अर्थ से भी जुड़ा है मेला

मोहल्ला हीरालाल निवासी फास्टफूड विक्रेता चेतन सैनी ने कहना है कि मेला रोजगार और आíथक ²ष्टि से हजारों परिवारों की सालभर की जीविका चलाने में सहायक बनता था लेकिन पिछले कुछ सालों से नहीं लगने पर इसपर निर्भर लोगों को आíथक कमजोर कर गया।

-मोहल्ला मुन्नालाल निवासी चाट विक्रेता संजय रस्तोगी का कहना है कि गंगा मैया पर लगने वाला मेला गरीब और बेसहारा लोगों की पालनहार बनता था लेकिन पिछले दो सालों में मेला नहीं लगने पर उनकी स्थिति कमजोर हुई है।

-मेला स्थल पर चार से पांच फिट बह रहा पानी

मखदूमपुर घाट पर जहां मेला लगता है वहां खादर क्षेत्र में चार से पांच फिट पानी बह रहा है। जबकि मेला आयोजन का समय है लेकिन ऐसे में पानी कम नहीं हुआ तो आयोजन कैसे होगा। इसे लिए जिला प्रशासन भी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच रहा।

इन्होंने कहा..

गंगा का जल स्तर कम हुआ है लेकिन खादर क्षेत्र में जलभराव बना हुआ है। मेला स्थल पर भी कई फिट पानी है। एक दो दिन में यथा स्थिति की रिपोर्ट आलाधिकारियों को सौंप देंगे।

कमलेश गोयल,

एसडीएम, मवाना।

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