मेरठ में बेटे की हत्‍या पर छलका मां का दर्द-आखिर मेरे लाल ने किसी का क्या बिगाड़ा था

Aditya Sharma Murder मां रजनी के लिए पहाड़ सा है बेटे आदित्य की हत्या का सदमा गढ़ मुक्तेश्वर में गंगा में स्वजन ने किया अस्थि विसर्जन। रजनी बार-बार कह रही है कि पता होता कि ऐसी घटना हो जाएगी तो वह जिगर के टुकड़े को ट्यूशन ही नहीं भेजती।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 08:40 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 08:40 AM (IST)
मेरठ में बेटे की हत्‍या पर छलका मां का दर्द-आखिर मेरे लाल ने किसी का क्या बिगाड़ा था
मेरठ में छात्र आदित्‍य की हत्‍या के मामले में पुलिस अभी खाली हाथ है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। महज चौदह साल का आदित्य शर्मा घर से ट्यूशन के लिए निकला जरूर मगर लौटकर नहीं आया। अपने लाल को बरसों तक पाल पोसकर बड़ा करने वाले माता-पिता को क्या पता था कि उनका लाडला अब कभी घर नहीं लौटेगा, उसका शव ही बरामद होगा। दूसरे दिन परिवार के सदस्य गढ़ गंगा में उसकी अस्थियां लेकर गए थे, जबकि मम्मी रजनी शर्मा का घर पर रो-रोकर बुरा हाल था। रजनी के मुंह से बार-बार यही निकल रहा था कि उसे पता होता कि ऐसी घटना हो जाएगी तो वह अपने जिगर के टुकड़े को ट्यूशन ही नहीं भेजती।

जार-जार रोई

आदित्य का अंतिम संस्कार करने के बाद बुधवार को उसकी अस्थियां लेकर परिवार के सदस्य गढ़मुक्तेश्वर गए थे। दूसरी ओर घर पर बच्चे की मां रजनी और अन्य महिलाएं थीं। आदित्य की चचेरी बहन रजनी के गले लगकर जार-जार रो रही थी। परिवार के सदस्य रजनी को समझा रहे थे। रजनी सबसे यही पूछ रही थी कि उसके लाल ने किसी का क्या बिगाड़ा था, जो उसके जिगर के टुकड़े को छीन लिया।

भाई भी सदमे में

भगवान को आदित्य हमसे वापस लेना था तो दिया ही क्यों था? अस्थि विसर्जन कर पिता सुशील शर्मा भी घर पहुंचे, उन्होंने भी रजनी को समझाने का प्रयास किया। सुशील का दूसरा बेटा 11 वर्षीय कार्तिक भी भाई का मौत पर सदमे में है। पिता सुशील शर्मा का मानना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भले ही हत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई हो, लेकिन अगले दो से तीन दिनों में पूरा मामला साफ हो जाएगा।

हाथ पर हाथ रखकर बैठी पुलिस

आदित्य शर्मा सोमवार की शाम पांच बजे लापता हो गया था। परिवार के लोगों ने रात नौ बजे तक खुद तलाश करने के बाद थाने पहुंचकर परतापुर पुलिस को जानकारी दी। बच्चे के लापता होने के बाद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। सिर्फ थाने के रिकार्ड में गुमशुदगी दर्ज कर ली गई। किसी पुलिसकर्मी ने मौके पर पहुंचकर बच्चे की तलाश ही नहीं की। यदि पुलिस आसपास के लोगों के साथ मिलकर बच्चे की तलाश करती, शायद रात को ही बच्चा मिल सकता था क्योंकि बच्चा घर से मात्र पांच सौ मीटर दूरी पर रातभर टंकी के पास झाड़ी में पड़ा रहा। रिठानी व्यापार संघ के अध्यक्ष सुनील वर्मा, महामंत्री आदित्य शर्मा मौके पर पहुंचकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे थे। इन लोगों ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटे में वारदात का पर्दाफाश नहीं हुआ तो बाजार बंद कर धरना-प्रदर्शन करेंगे।

अभी तक इन बिंदुओं पर हुई जांच

1. सीसीटीवी फुटेज

आदित्य का शव टंकी के पास झाड़ी में मिला है। टंकी के आसपास मकानों पर लगे सभी सीसीटीवी कैमरों का करीब 15 घंटे का रिकार्ड खंगाला गया। करीब सवा पांच बजे आदित्य अपने दोस्तों के साथ टंकी के पास जाता दिख रहा है। उसकी पीठ पर बैग टंगा है और हाथ में मोबाइल है। वह झाड़ी के अंदर जाता है। इसके दस मिनट बाद चित्रांश और सनी बाइक पर आते हैं। चित्रांश बाइक पर बैठा रहता है। सनी बाइक से उतरकर आदित्य के पास जाता है। मात्र दस सेकेंड में आदित्य से कापी लेकर सनी और चित्रांश वापस चले जाते हैं। चित्रांश ने पूछताछ में बताया कि आदित्य की कापी ट्यूशन का काम पूरा करने के लिए ली थी। सोमवार शाम साढ़े पांच बजे से मंगलवार सुबह तक झाड़ी में कोई प्रवेश नहीं करता और न ही आदित्य बाहर निकलता है। उसका शव ही लोग बाहर निकालते हैं।

2. पोस्टमार्टम रिपोर्ट

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। उसके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं है। हृदयाघात भी नहीं है और न ही गला दबाने या सांस रुकने जैसी बात सामने आई है। ऐसे में कोई जहरीला पदार्थ शरीर के अंदर होने की आशंका पर विसरा सुरक्षित रखा गया है।

3. सर्विलांस रिपोर्ट

फोरेंसिक और सर्विलांस टीम ने भी अपनी रिपोर्ट पेश की है। फोरेंसिक रिपोर्ट में भी ऐसा कोई तथ्य नहीं आया, जिससे हत्या बताई जाए। आदित्य का बैग भी उसकी पीठ पर लटका हुआ था। मोबाइल से कोई वीडियो या चैट डिलीट नहीं है। पुलिस ने मोबाइल की सीडीआर भी मंगा ली है। उसमें भी कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। मोबाइल सीडीआर से यह भी स्पष्ट हो गया कि उसका किसी लड़की से भी संपर्क नहीं था।

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