Acupressure In Corona: एक्यूप्रेशर से भी हो सकते हैं फेफड़े मजबूत, बस आपको यह करना होगा, जानें मेरठ के डाक्टर की राय
मेरठ में एक्यूप्रेशर चिकित्सा विशेषज्ञ डा. गौरव मित्तल का कहना है कि हाथ और पैर में कुछ ऐसे केंद्र होते हैं जिससे शरीर के अंदरूनी अंगों का भी जुड़ाव होता है। ऐसे में हाथ और पैरों के उन बिंदुओं पर दबाव देकर भी शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी से बचने के लिए लोग हर तरह की दवाइयां ले रहे हैं, घरेलू उपचार भी कर रहे हैं। इसमें कुछ ऐसे भी तरीके हैं, जिसका साइड इफेक्ट तो कुछ नहीं है, हां उससे मरीज को कुछ मदद जरूर मिल सकती है। आज जिस तरह से सांस की दिक्कत और फेफड़े को संक्रमण से बचाने की चुनौती है, उसमें एक्यूप्रेशर कुछ हद तक मदद कर सकता है।
यह बताया चिकित्सक ने
एक्यूप्रेशर व सुजोक चिकित्सा विशेषज्ञ डा. गौरव मित्तल का कहना है कि हाथ और पैर में कुछ ऐसे केंद्र होते हैं, जिससे शरीर के अंदरूनी अंगों का भी जुड़ाव होता है। ऐसे में हाथ और पैरों के उन बिंदुओं पर दबाव देकर भी शरीर को अंदर से स्वस्थ रखा जा सकता है। डा. मित्तल के अनुसार सुबह और शाम अगर हम रोजाना तीन से पांच मिनट तक आंख बंद कर ताली बजाएं तो हमारे हथेली में जो एक्यूप्रेशर प्वाइंट हैं, उन पर दबाव पड़ता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। साथ ही हथेली में मौजूद फेफड़े के प्वाइंट पर भी दबाव पड़ता है। इसके अलावा पैर में भी कुछ प्वाइंट होते हैं जिस पर दबाव बनाने से कोरोना के मरीज ठीक हो सकते हैं।
यहां दबाव बनाएं
- हथेली में अंगूठे से नीचे की ओर।
- कलाई के पास।
- बाएं हाथ में अनामिका के नीचे। इसका ध्यान रखें
- हाथ और पैरों पर उतना ही दबाव बनाएं जितना सहन हो सके।
- नहाने के आधा घंटे पहले या आधा घंटे बाद तक एक्यूप्रेशर नहीं करना चाहिए।
- शरीर के टूटे हुए अंग पर एक्यूप्रेशर नहीं करना चाहिए।
- जिस जगह दबाव बना रहे हैं, दबाव बनाते समय बाएं से दाएं घुमाएं।