मेरठ में कोविड मरीज को जबरन कर दिया था डिस्चार्ज, डीएम ने दिए तीन अस्पतालों पर कार्रवाई के आदेश Meerut News
प्रभारी मंत्री के निर्देश पर हरकत में आए जिला प्रशासन ने सभी शिकायतों की जांच मौके पर जांच समिति भेजकर करानी शुरू कर दी है। जांच में आरोप सही मिलने पर डीएम ने शहर के तीन अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
मेरठ, जेएनएन। प्रभारी मंत्री के निर्देश पर हरकत में आए जिला प्रशासन ने सभी शिकायतों की जांच मौके पर जांच समिति भेजकर करानी शुरू कर दी है। जांच में आरोप सही मिलने पर डीएम ने शहर के तीन अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
आयशा हास्पिटल ने किया आक्सीजन लाने को मजबूर
आयशा हास्पिटल में भर्ती मरीज के तीमारदार को 10 मई को आक्सीजन लाने के लिए मजबूर करने की शिकायत की जांच अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एसके शर्मा और अपर जिलाधिकारी प्रशासन मदन सिंह गब्र्याल ने की। जांच रिपोर्ट के मुताबिक शिकायत सही मिली। अस्पताल में रोगियों को भर्ती करने, डिस्चार्ज करने और आक्सीजन आपूर्ति और उपभोग संबंधी अभिलेखों का रखरखाव सही तरीके से नहीं किया गया था।
युग अस्पताल ने जबरन निकाल दिया मरीज
युग अस्पताल की शिकायत मिली थी कि वहां भर्ती हापुड़ की मरीज शीतल देवी को आक्सीजन की जरूरत थी। उसे अस्पताल से जबरन निकाल दिया गया। जांच में शिकायत सही मिली। जांच रिपोर्ट के मुताबिक हास्पिटल द्वारा रोगी के उपचार संबंधी अभिलेख और बिल को सुरक्षित नहीं रखा गया। आंशिक उपचार देकर गैर जिम्मेदाराना तरीके से मरीज को हास्पिटल से भेज देने की शिकायत सही मिली है।
एसडीएस ग्लोबल में कोविड मरीजों के इलाज पर रोक
रुड़की रोड स्थित अस्पताल एसडीएस ग्लोबल की शिकायत की। जांच रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन ने 30 बेड के सापेक्ष 42 मरीजों को भर्ती करके उपचार करने का दावा किया। उनके नाम की सूची उपलब्ध कराई, लेकिन भौतिक सत्यापन में अस्पताल में 30 निजी और 6 जनरल समेत 36 आक्सीजन युक्त बेड मिले। इनमें से 5 से 10 बेड खाली थे। निजी रूम में आक्सीजन बेड के साथ साथ बिना आक्सीजन वाले अतिरिक्त बेड भी मिले।
इधर, स्वास्थ्य विभाग ने एसडीएस ग्लोबल अस्पताल में कोविड के इलाज पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को पत्र जारी कर बताया कि नए मरीज भर्ती नहीं किए जा सकेंगे। 30 बेडों वाले अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज किया जाएगा, लेकिन नए मरीज नहीं रखे जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी पुष्टि की है।