Meerut News: मेरठ में फर्जी तरीके से बनाते थे आधार और पैन कार्ड, ऐसे हुआ भंड़ाफोड़

फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पकड़े गए दोनों आरोपित लोन और कोर्ट में जमानत के लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार करते थे। कोर्ट से जब जमानतदार की जांच हुई तो मामला पकड़ में आया।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 09:15 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 01:44 AM (IST)
Meerut News: मेरठ में फर्जी तरीके से बनाते थे आधार और पैन कार्ड, ऐसे हुआ भंड़ाफोड़
मेरठ में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने वाले दो गिरफ्तार।

मेरठ, जेएनएन। फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पकड़े गए दोनों आरोपित लोन और कोर्ट में जमानत के लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार करते थे। कोर्ट से जब जमानतदार की जांच हुई तो मामला पकड़ में आया। पुलिस ने दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया।

नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर निवासी मुजम्मिल के घर जाकर कुछ दिन पहले एक दारोगा ने कोर्ट में जमानत देने के संबंध में पूछताछ की थी। उन्होंने जमानत देने से इन्कार कर दिया। दारोगा ने कागजात दिखाए तो पता उनका था, लेकिन फोटो किसी और का था। इसकी शिकायत मुजम्मिल ने एसपी क्राइम रामअर्ज से की थी। मुजम्मिल ने बताया कि कुछ दिन पहले उसने शहजाद और रिजवान निवासी सराय खैरनगर को लोन के लिए कागजात दिए थे। टीम ने दोनों को पकड़ लिया।

पूछताछ में उन्होंने बताया कि लोन और जमानत के लिए वह फर्जी कागजात तैयार करते थे। लैपटाप पर फोटोशाप की मदद से इस काम को अंजाम दे रहे हैं। उनके पास से दो मोबाइल, एक आधार कार्ड और करीब डेढ़ हजार रुपये भी बरामद हुए। नौचंदी थाने में दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई।

कई बैंकों में खुलवाए खाते

दोनों ने बताया कि लोगों से लोन कराने के नाम पर आधार कार्ड, पैन कार्ड और प्रापर्टी के कागजात ले लेते थे। इसके बाद साफ्टवेयर की मदद से अपना या फिर किसी और का फोटो लगा लेते थे। फर्जी कागजातों की मदद से लोन, जमानत और सिम भी ले लेते हैं। मुजम्मिल के नाम पर भी कई खातों का पता चला है, जिन्हें बंद कराया जा रहा है। एक अन्य व्यक्ति इकरामुद्दीन के नाम पर सिम भी ले चुके हैं।

एक आठवीं तो दूसरा नौवीं पास

शहजाद नौवीं पास है। साथ ही उसने अपने कई नाम जैसे मुजम्मिल और इकरामुद्दीन भी रखे हुए थे। रिजवान आठवीं पास है। दोनों आरोपित काफी समय से पढ़े-लिखों को चूना लगा रहे थे। उन्होंने बताया कि बैंक वाले भी उनके कारनामों को पकड़ नहीं पा रहे थे। 

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