मेरठ के शताब्दीनगर में बनेगा दिव्यांगों के लिए खास पार्क, जानिए विशेषताएं
दिव्यांगजनों के लिए एमडीए एक खास पार्क बनाने जा रहा है। यह पार्क उनकी सुविधाओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनेगा। नेत्रहीनों के लिए तो इसके फुटपाथ पर ऐसी टाइल्स होंगी जिससे वे पैर रखकर समझ सकेंगे कि किस तरफ मुड़ना है और किस ओर नहीं।
मेरठ, जेएनएन। शताब्दीनगर में दिव्यांगजनों के लिए एमडीए एक पार्क बनाने जा रहा है। यह पार्क दिव्यांगजनों की सुविधाओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। ऐसे पार्क मध्य प्रदेश के उज्जैन व कुछ अन्य शहरों में बनाए गए हैं। तत्कालीन मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम की पहल पर तत्कालीन उपाध्यक्ष राजेश कुमार पांडेय ने दो साल पहले एमडीए की टीम को पार्क विकसित करने का तरीका सीखने उज्जैन भेजा था। फिर इसके लिए डेढ़ करोड़ का टेंडर जारी किया था। लेकिन राजेश पांडेय व अनीता सी मेश्रम के स्थानांतरण के बाद एमडीए के ही अधिकारियों ने इस पार्क की योजना बदल दी और टेंडर स्वीकृत होने की प्रक्रिया रोक ली। तब यह पार्क गंगानगर में बनाया जाना था। बाद में वर्तमान उपाध्यक्ष मृदुल चौधरी के समक्ष इस पार्क का प्लान रखा गया। जिसमें इसकी लागत सिर्फ 65 लाख रुपये रखी गई और पार्क बनाने के लिए स्थान चुना गया शताब्दीनगर सेक्टर एक। जब पार्क डेढ़ करोड़ में बनाने की योजना थी तब ज्यादा सुविधाओं की बात कही गई थी पर अब 65 लाख रुपये में यहां कितनी सुविधाएं दी जाएंगी, यह पार्क विकसित होने के बाद ही पता चलेगा।
पार्क की प्रमुख विशेषताएं
पार्क सभी दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक होगा
नेत्रहीन व्यक्ति के लिए फुटपाथ पर ऐसी टाइल्स होंगी जिससे वे पैर से समझ सकेंगे कि किधर मुड़ना है किधर नहीं। यानी उन्हें किसी अन्य व्यक्ति की जरूरत नहीं पड़ेगी।
विभिन्न तरह की दिव्यांगता को देखते हुए अलग-अलग तरह की कुर्सियां और बेंच होंगी।
एमडीए के पुराने पार्क को ही दिव्यांग अनुभूति पार्क में तब्दील किया जाएगा।
पार्क की ये होगी खासियत