ताकतवर फौज ही देश को महान बनाती है : जनरल जेजे सिंह
भारतीय सेना के 22वें प्रमुख एवं अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे जनरल जेजे सिंह ने कहा कि वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बीते 50 सालों में भारतीय सेना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सशस्त्रबलों में शामिल है। संयुक्त रूप से थल सेना वायु सेना और नौसेना में हमारी काबिलियत भी बढ़ी है।
अमित तिवारी, मेरठ : भारतीय सेना के 22वें प्रमुख एवं अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे जनरल जेजे सिंह ने कहा कि वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बीते 50 सालों में भारतीय सेना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सशस्त्रबलों में शामिल है। संयुक्त रूप से थल सेना, वायु सेना और नौसेना में हमारी काबिलियत भी बढ़ी है। हमारी सरकार ने यह मान लिया है कि जब तक ताकतवर नहीं होंगे, हमें इज्जत नहीं मिलेगी। अब दुनिया में हमें इज्जत इसीलिए मिल रही है, क्योंकि हम शक्तिशाली देश बन गए हैं और दुनिया का एक या दो नंबर शक्तिशाली देश बनने की ओर अग्रसर हैं।
सिर्फ आर्थिक मजबूती काफी नहीं
जनरल जेजे सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में रक्षा क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है, जो बहुत अच्छा प्रयास है। दुनिया के महान देशों की महानता में उनकी फौज का बराबर योगदान है। जब तक फौज की ताकत नहीं होगी, सिर्फ आर्थिक ताकत से शक्तिशाली या महान देश नहीं बनता। करीब दो दशक में भारत दुनिया के पहले या दूसरे पायदान का देश होगा।
बांग्लादेश बनने के योगदान पर गर्व करें देशवासी
50वें जेसोर दिवस के मौके पर मेरठ छावनी पहुंचे जनरल जेजे सिंह ने कहा कि मुझे गर्व है कि आज के ही दिन 50 साल पहले हमारी सेनाओं ने काबिलेतारीफ आपरेशनों के जरिए दुश्मन को शिकस्त दी थी। पाकिस्तान को घुटनों पर लाकर 93 हजार सैनिकों को हथियार डालने पर विवश कर दिया था। यह सैन्य आपरेशनों के इतिहास में सबसे बड़ी जीत है। पूरे देश को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हमने एक देश को विश्व मानचित्र पर उभरने में मदद की, जिसे दुनिया बांग्लादेश के नाम से जानती है। हमारा योगदान न होता शायद वह तकलीफ में होते और वैसे ही रहते।
दुनिया हमसे जुड़ रही है
जनरल जेजे सिंह ने कहा कि बदलते समीकरणों में दुनिया का हर देश भारत को देख रहा है और हमारे करीब आना चाहता है, यह हमारी बड़ी उपलब्धि है। भारतीय पासपोर्ट लेकर कहीं भी जाएं तो इज्जत मिलती है। दुनिया भारत की काबिलियत देख रही है और जानती है कि अगले दशकों में हम विश्व शक्ति बनने की क्षमता रखते हैं।