कई बिमारियों ने जकड़ा तो छोड़ दिया रोटी-चावल खाना, अब बिल्कुल स्वस्थ्य
रविकांत बताते हैं कि दो साल हो गए रोटी और चावल नहीं ले रहा हूं। खाने में दाल सब्जी का सूप आदि का सेवन कर रहा हूं चीनी मैदा सेंधा नमक भी छोड़ रखा है। पहले एसिडिटी कमर में दर्द व स्वास्थ कमजोर था। लेकिन अब वह स्वस्थ्य हैं।
मेरठ, जेएनएन। आजकल जिस तरह कार्य की प्रकृति है, उससे न चाहते हुए हम कई बीमारियों के गिरफ्त में पहुंच रहे हैं, इसमें अगर थोड़ी सावधानी और जागरूकता रखें तो खुद को काफी हद तक बीमारियों से भी बचा सकते हैं, और अपनी सेहत को भी ठीक रख सकते हैं। अमरीश शर्मा कालेज आफ एजुकेशन एंड टेक्नोलाजी के प्राचार्य रविकांत शर्मा पहले कई बीमारियों की चपेट में थे, लेकिन धीरे- धीरे उन्होंने अपने योग और अभ्यास से उस पर नियंत्रण पा लिया।
दो साल से रोटी चावल नहीं ली
रविकांत बताते हैं कि दो साल हो गए रोटी और चावल नहीं ले रहा हूं। खाने में दाल, सब्जी का सूप आदि का सेवन कर रहा हूं, चीनी मैदा, सेंधा नमक भी छोड़ रखा है। पहले एसिडिटी रहती थी, कमर में दर्द भी रहता था। स्वास्थ कमजोर था। जब से आहार और व्यायाम को व्यवस्थित किया, तब से ये सारी समस्याएं खत्म हो गईं, अब मन पूरी तरह से प्रसन्न रहता है।
स्वास्थ अच्छा तो सब अच्छा
वह कहते हैं कि हमें सबसे पहले अपने स्वास्थ का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि यदि स्वास्थ्य अच्छा है तो सब कुछ अच्छा रहता है। यह सभी जानते हैं। केवल उसे नियमित दिनचर्या में शामिल करने की जरूरत है। सुबह जल्दी उठने, योग करने और भोजन को नियंत्रित करने से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
इन योग मुद्राओं को करने से मिला लाभ
पहले रविकांत के सोने और उठने का समय नियत नहीं रहता था, कोविड के आने के बाद उनकी दिनचर्या बदली। अब वह सुबह पांच बजे बिस्तर छोड़ देते हैं। गुनगुना पानी पीने और दैनिक क्रिया के बाद जागिंग करते हैं, पांच मिनट तेज गति दौड़ते हैं। इसके बाद 10 मिनट प्राणायाम करते हैं। भस्त्रिका, कपालभांति, अनुलोम - विलोम, उज्जाई, सिंहनाद, भ्रामरी का अभ्यास करते हैं। उनकी दिनचर्या में सूर्य नमस्कार भी शामिल है। सुबह जल्दी उठने की वजह से वह डेढ़ घंटे में जागिंग, योग के लिए निकाल पाते हैं।