मेरठ में गन्ना किसानों का 986 करोड़ बकाया, जानिए- वर्तमान पेराई सत्र की स्थिति

14 दिनों में गन्ना भुगतान का दावा करने वाली योगी सरकार में गन्ना किसान परेशान हैं। वर्तमान पेराई सत्र में भुगतान को लेकर जिले के गन्ना किसान परेशान हैं। मेरठ जिले की छह चीनी मिलों में पेराई शुरू हुए चार माह से अधिक बीत चुके हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Fri, 12 Mar 2021 12:39 PM (IST) Updated:Fri, 12 Mar 2021 12:39 PM (IST)
मेरठ में गन्ना किसानों का 986 करोड़ बकाया, जानिए- वर्तमान पेराई सत्र की स्थिति
मेरठ में गन्‍ना किसानों का 986 करोड़ का बकाया।

मेरठ, जेएनएन। 14 दिनों में गन्ना भुगतान का दावा करने वाली योगी सरकार में गन्ना किसान परेशान हैं। वर्तमान पेराई सत्र में भुगतान को लेकर जिले के गन्ना किसान परेशान हैं। मेरठ जिले की छह चीनी मिलों में पेराई शुरू हुए चार माह से अधिक बीत चुके हैं। लेकिन गन्ना भुगतान के मामले में जिले की चीनी मिलें काफी फिसड्डी हैं। चीनी मिलों ने वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 के अंतर्गत 576.87 करोड़ का भुगतान किया है, जिसके अलावा 986.84 करोड़ का भुगतान दस मार्च तक के आंकड़ों के अनुसार बकाया है। जिले की छह चीनी मिलों में दौराला चीनी मिल भुगतान के मामले में सबसे आगे है, जबकि किनौनी की हालत बेहद खराब है। दौराना चीनी मिल ने वर्तमान पेराई सत्र में 78 फीसद भुगतान किसानों को कर दिया है, जबकि किनौनी केवल दो फीसद भुगतान ही कर सकी है। मेरठ जिले में चीनी मिलों ने कुल भुगतान का केवल 36.89 फीसद ही किसानों को गन्ना भुगतान किया है।

56.79 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन

मेरठ जिले की छह चीनी मिलों की क्षमता 48800 टीसीडी (टन क्रशिंग पर डे) है। नवंबर के प्रथम सप्ताह में सभी चीनी मिलों ने सत्र 2020-21 के अंतर्गत पेराई शुरू कर दी थी। जिले की छह चीनी मिलों ने किसानों से दस मार्च तक 548.46 लाख कुंतल गन्ना खरीद लिया है। इसमें 548 लाख कुंतल पेराई के साथ 56.79 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन किया गया है। चीनी रिकवरी 10.36 फीसद है।

पिछले सत्र में मंडल में 232 करोड़ का भुगतान बकाया

गन्ना पेराई सत्र 2019-20 के अंतर्गत मेरठ मंडल की 16 चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 232.25 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें मेरठ और बुलंदशहर जिले की सभी चीनी मिलों ने अपने बकाया पूर्ण रूप से भुगतान कर दिया है। वहीं, मोदीनगर, हापुड़ और बागपत की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का भुगतान बकाया है। मोदीनगर ने केवल 70 फीसद और बागपत की मलकपुर ने केवल 79 फीसद भुगतान किया है। 

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