मंडल में 97 फीसद आइसीयू बेड भरे..कहा जाते मरीज
महामारी पिछले सप्ताह पीक पर रही जब मंडल में मरीजों को बेड नहीं मिला। सीएम योगी के समक्ष पेश की गई मंडल की रिपोर्ट के मुताबिक आक्सीजन युक्त और आइसीयू बेड का संकट फिलहाल बना हुआ है।
मेरठ, जेएनएन। महामारी पिछले सप्ताह पीक पर रही, जब मंडल में मरीजों को बेड नहीं मिला। सीएम योगी के समक्ष पेश की गई मंडल की रिपोर्ट के मुताबिक आक्सीजन युक्त और आइसीयू बेड का संकट फिलहाल बना हुआ है। प्रशासन ने मरीजों की संख्या कम होने का दावा किया था, लेकिन आकड़ों ने दावों पर सवाल खड़े कर दिए। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सप्ताह अस्पतालों में बेड खाली होने की उम्मीद है।
मेरठ में मेडिकल कालेज एवं सुभारती के रूप में महज एल-3 के दो केंद्र हैं, जबकि गाजियाबाद में 43 और जीबी नगर में 22 चिकित्सा केंद्र हैं। मंडल के कुल 67 एल-3 केंद्रों की रिपोर्ट बताती है कि पिछले सप्ताह अस्पतालों में बेड का भारी संकट रहा। कई मरीजों को बेड व आक्सीजन न मिलने से मौत हुई। मेरठ में सप्ताहभर आक्सीजन की आपूर्ति डिस्टर्ब रही, जब प्रशासन और निजी अस्पतालों के बीच तनाव बन गया। आक्सीजन बेड में 90.5, जबकि वेंटीलेटर बेड में से 62.2 पर मरीज थे। बुलंदशहर, हापुड़ एवं बागपत में एल-3 केंद्र न होने से मरीजों को ज्यादातर मेरठ रेफर कर दिया जाता है। इधर, मेरठ में सप्ताहभर में 248, गाजियाबाद में 208, जीबी नगर में 61, बुलंदशहर में 56, हापुड़ में 110 व बागपत में 60 आक्सीजन बेड बढ़ाए गए हैं। --ये रही मंडल की बेड आक्यूपेंसी
मेरठ, गाजियाबाद, जीबी नगर, बुलंदशहर, हापुड़ एवं बागपत में कुल मिलाकर 12 एल-1, 62 एल-2 और 67 एल-3 केंद्र हैं। इसमें सप्ताहभर में बेड की स्थित इस प्रकार रही। मंडल में कुल बेड सप्ताह में भरे हुए औसत बेड
आक्सीजन बेड-7763 7026-यानी 90.5 फीसद
आइसीयू बेड-2620 2534-यानी 97 फीसद
वेंटीलेटर बेड-799 495-यानी 62.3 फीसद