UP Panchayat Chunav: मुजफ्फरनगर में बड़ी संख्‍या में निर्विरोध जीत रहे प्रत्‍याशी, जानिए पूरा अपडेट

पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत प्रधान की हर सीट पर मारामारी के हालात हैं। वहीं बड़ी संख्या में बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्य पद पर इक्का-दुक्का प्रत्याशी ही मैदान में हैं। मुजफ्फरनगर में 97 बीडीसी व 3757 ग्राम पंचायत सदस्य का निर्विरोध बनना तय।

By Edited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 11:46 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 02:08 PM (IST)
UP Panchayat Chunav: मुजफ्फरनगर में बड़ी संख्‍या में निर्विरोध जीत रहे प्रत्‍याशी, जानिए पूरा अपडेट
मुजफ्फरनगर में 97 निर्विरोध बीडीसी उम्‍मीदवार ।

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। राजनीति के रंग भी बड़े निराले हैं। जिला पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत प्रधान की हर सीट पर मारामारी के हालात हैं। वहीं बड़ी संख्या में बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्य पद पर इक्का-दुक्का प्रत्याशी ही मैदान में हैं। जिले में 97 बीडीसी का निर्विरोध बनना तय है, जबकि 3,757 ग्राम पंचायत सदस्य भी इसी श्रेणी में हैं। कई निर्विरोध बीडीसी की नजर ब्लाक प्रमुखी पर है। जिसे लेकर जोर आजमाइश जारी है। 

नाम वापसी और चुनाव चिह्न आवंटन के बाद प्रत्याशियों ने डोर-टू-डोर अभियान तेज कर दिया है। वोटरों से लुभावने वादे किए जा रहे हैं। एक-एक वोट के लिए जोर आजमाइश चल रही है। यह हालात अधिकतर जिला पंचातय सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य सीट पर बनी हुई है। इसके इतर क्षेत्र पंचायत सदस्य सीट पर स्थित उलट है। अधिकतर सीटों पर दो-तीन प्रत्याशी ही मैदान में हैं, जबकि 97 बीडीसी निर्विरोध हो गए हैं। इनमें निवर्तमान सदर ब्लाक प्रमुख अमित चौधरी, भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अमित राठी, भाजपा नेत्री एडवोकेट बेबी सुमन आदि शामिल हैं। इनके में अधिकतर के सामने नामांकन नहीं हुए। 

वहीं कुछ के सामने नामांकन निरस्त हो गए। इनके अलावा जिले की 498 ग्राम पंचायतों में 3757 ग्राम पंचायत सदस्य भी निर्विरोध हो गए हैं। 498 ग्राम पंचायतों में प्रधानी की दौड़ में 4,388 सर्वाधिक मारामारी गांव के मुखिया बनने पर है। जिले की 498 ग्राम पंचायतों पर 4388 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि ग्राम पंचायत सदस्य के लिए 3,410 और जिला पंचायत सदस्य की 43 सीटों पर 744 प्रत्याशी चुनावी रण में हैं।

एडीएम वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार ने कहा- जिला पंचायत सदस्य और प्रधानी पद पर कोई भी प्रत्याशी निर्विरोध नहीं है। बीडीसी के लिए कुछ निर्विरोध हुए हैं। प्रत्याशियों के चुनावीं खर्च की निगरानी के लिए समिति गठित की गई है। चुनाव सामग्री की दर स्थानीय बाजार के आधार पर तय हुई है।

chat bot
आपका साथी