दो घंटे में मिले इतने चर्मरोगी कि सिर खुजलाने लगे डॉक्टर Meerut News

एनजीटी के निर्देश पर लगे 21 कैंप एक गांव में दो घंटे में मिले 89 रोगी आरोग्य मेले में भी पहुंचे बीमार

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 11:50 AM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 11:42 AM (IST)
दो घंटे में मिले इतने चर्मरोगी कि सिर खुजलाने लगे डॉक्टर Meerut News
दो घंटे में मिले इतने चर्मरोगी कि सिर खुजलाने लगे डॉक्टर Meerut News

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। काली नदी के किनारे स्थित मेथना गांव में लगे स्वास्थ्य कैंप में जब दो घंटे के भीतर 89 चर्मरोगी निकल आए तब एनजीटी और स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ भी हैरान रह गए। उन्हें आशंका है कि यहां पानी और हवा, दोनों प्रदूषित है। एनजीटी के आदेश पर 24 दिसंबर 2019 को 21 गांवों में लगे हेल्थ कैंप और मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में भी सर्वाधिक मरीज चर्मरोगी ही निकले। इन आंकड़ों ने शासन को सन्न कर दिया है।

प्रदूषण से घटी त्वचा की ताकत

मेडिकल कॉलेज के चर्मरोग विभाग की रिपोर्ट बताती है कि काली नदी के किनारे स्थित गांवों में ज्यादा संक्रमण है। एनजीटी के निर्देश पर दर्जनों गांवों में कैंसर के मरीजों पर रिपोर्ट बनाई गई। पेट और सांस के भी मरीज मिले, लेकिन चर्म रोगियों की बाढ़ ने चिकित्सा विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया है। प्रदूषण की वजह से लोगों की प्रतिरोधक क्षमता घट रही है।

स्किन भी होने लगी फेल

बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण तेजी से हो रहा है। स्किन फेल्योर के भी केस मिलने लगे हैं। काली नदी का रासायनिक कचरा हैंडपंप से बाहर निकल रहा है, जबकि चिमनियों का धुआं त्वचा को झुलसा रहा है।

ये है उप्र में चर्म रोगों का ग्राफ

सर्दियों में स्केबीज संक्रामक है, जिसमें मरीज के शरीर में दाने और खुजली होती है। यह मेरठ में इस बार ज्यादा रहा।

गैर संक्रामक में सोरायसिस है। शरीर में बड़े आकार के लाल चकत्ते। एरीथ्रोडर्मा और स्किन फेल्योर का रिस्क।

हाथ की अंगुलियों का ठंड में नीला पड़ना। गैगरीन तक का रिस्क

गर्मियों और बारिश में-दाद, फोड़ा-फुंसी, धूप से एलर्जी, खाल का झुलसना, डर्मटाइटिस जैसी बीमारियां।

इन्‍होंने बताया

काली नदी के किनारे स्थित 21 गांवों में कैंप के जरिए मरीजों का रिकार्ड मेंटेन कर विश्लेषण किया जाएगा। उदर, सांस, बीपी व शुगर से ज्यादा चर्म रोगी मिले हैं, जो कई प्रकार के संक्रमण का संकेतक है।

- डा. राजकुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

प्रदूषण से प्रतिरोधक क्षमता गिरने से त्वचा में भी संक्रमण बढ़ता है। मेरठ में दाद, स्केबीज, सोरायासिस और सन एलर्जी के मामले ज्यादा मिलते हैं। स्वस्थ खानपान, फलों के सेवन और सफाई से स्किन इन्फेक्शन से बचाव मिलता है।

- डा. शिशिर गुप्ता, चर्म रोग विशेषज्ञ

पश्चिमी उप्र में अन्य बीमारियों की तुलना में चर्म रोगी ज्यादा हैं। इस बार स्केबीज के मरीज देर तक मिलते रहे। इस क्षेत्र में फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण भी तेजी से संक्रमित होता है। खानपान और रहन-सहन में सुधार से काफी हद तक बचाव संभव है।

- डा. एचएस चौहान, चर्म रोग विशेषज्ञ

एनजीटी के चिह्न्ति गांवों में कैंप व चर्म रोगी

मेथना 89

पांचली 30

पिठलोकर 27

कल्याणपुर 25

मुल्हेड़ा 24

किनौनी 22

कोल 05

इन रोगों ने सबसे ज्यादा सताया

आरोग्य मेला कुल मरीज चर्म रोगी सांस पेट

दो फरवरी 4980 586 237 205

नौ फरवरी 5471 1407 683 510

16 फरवरी 5637 1323 686 559 

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