मेरठ में 60 फीसद कोविड बेड खाली.. फिर क्यों बेड की वजह से हो रही मौत?

कोरोना के भयावह दौर में अस्पताल मरीजों से कृपया झूठ न बोलें। कोविड अस्पतालों के सामने सिलेंडर लगाकर लेटे मरीज बेड का इंतजार करते हुए मौत के आगोश में समा रहे हैं। उन्हें बेड खाली न होने की बात कहकर लौटाया जा रहा है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 09:22 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 09:22 AM (IST)
मेरठ में 60 फीसद कोविड बेड खाली.. फिर क्यों बेड की वजह से हो रही मौत?
बेड खाली होने के बाद भी क्‍यों हो रही मौत।

[संतोष शुक्ल] मेरठ। कोरोना के भयावह दौर में अस्पताल मरीजों से कृपया झूठ न बोलें। कोविड अस्पतालों के सामने सिलेंडर लगाकर लेटे मरीज बेड का इंतजार करते हुए मौत के आगोश में समा रहे हैं। उन्हें बेड खाली न होने की बात कहकर लौटाया जा रहा है। 20 अप्रैल को मेरठ में सर्वाधिक 1241 मरीज मिले थे, लेकिन इस दिन तक 2706 में 1617 बेड खाली थे। प्रशासत बताए..ये बेड आखिर किसके लिए हैं। कोविड बेडों का जानलेवा संकट कहीं जानबूझकर तो नहीं खड़ा किया गया, या स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में कोई बड़ा झोल है।

50 फीसद आइसीयू बेड भी खाली

मेरठ को दिल्ली के बाद पश्चिम यूपी के लिए सबसे बड़ा मेडिकल हब माना जाता है। एलएलआरएम मेडिकल कालेज और सुभारती मेडिकल कालेज के रूप में दो एल-3 बेड हैं, जिसकी वजह से गाजियाबाद, नोएडा, हापुड, बुलंदशहर, बागपत, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, रामपुर से लेकर सहारनपुर तक के मरीज यहां पहुंचते हैं। कोविड संक्रमण की तेज रफ्तार देखकर स्वास्थ्य विभाग ने सप्ताहभर में कोविड बेडों की संख्या पांच सौ तक बढ़ा दी। इलाज की आस में देर रात तक कोविड मरीज मेरठ पहुंच रहे हैं, जिन्हें अस्पतालों में बेड होने के बावजूद चक्कर काटना पड़ रहा।

प्राइवेट अस्पताल भर्ती करने से पहले मोटी रकम ले लेते हैं। सप्ताहभर में दस से ज्यादा कोविड मरीज इलाज के इंतजार में दम तोड़ चुके हैं। एल-3 केंद्र के रूप में संचालित मेडिकल कालेज पर भारी दबाव है, लेकिन निजी अस्पतालों में खाली बेड होने के बावजूद प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जा रहा।

20 अप्रैल का आंकड़ा, जब 1241 मरीज मिले

ये हैं कुल बेड       इतने बेड खाली थे

कुल बेड-2706            1617

आइसोलेशन बेड-2267   1405

आइसीयू-एचडीयू-439      212

वेंटीलेटर बेड-165            153

सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने कहा- गंभीर कोविड मरीजों को तत्काल भर्ती करने का निर्देश है। कोई भी अस्पताल इसमें आनाकानी न करे। मेडिकल कालेज पर भारी लोड है, लेकिन अन्य केंद्रों पर आक्सीजनयुक्त बेडों की उपलब्धता बढ़ाई गई है। भर्ती न मिलने पर स्वास्थ्य विभाग एवं कंट्रोल रूम को फोन करें। 1006 बेडों पर पाइपलाइन से, जबकि 907 बेडों पर सिलेंडर से आक्सीजन दी जा रही है। 

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