24 घंटे में टोल प्लाजा से निकले 3100 वाहन

कोरोना वायरस की वजह से 23 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के बाद 26 मार्च से टोल प्लाजा बंद कर दिया गया था। 19 अप्रैल की रात 12 बजे से दोबारा शुरू हुए टोल प्लाजा से 24 घंटे के भीतर करीब 3100 वाहन ही निकल सके।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Apr 2020 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 21 Apr 2020 06:06 AM (IST)
24 घंटे में टोल प्लाजा से निकले 3100 वाहन
24 घंटे में टोल प्लाजा से निकले 3100 वाहन

मेरठ, जेएनएन। कोरोना वायरस की वजह से 23 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के बाद 26 मार्च से टोल प्लाजा बंद कर दिया गया था। 19 अप्रैल की रात 12 बजे से दोबारा शुरू हुए टोल प्लाजा से 24 घंटे के भीतर करीब 3100 वाहन ही निकल सके। टोल से निकले वाहनों से कैश और फास्टैग के द्वारा वसूले गए टैक्स की रकम भी केवल ढाई लाख रुपये है। जबकि लॉकडाउन से पहले तक टोल प्लाजा से 24 घंटे के भीतर करीब 18 से 19 हजार वाहन निकलते थे। जिनसे लगभग 24 लाख रुपये जमा होता था। टोल मैनेजर प्रदीप चौधरी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बंद टोल प्लाजा से करीब पांच हजार वाहन निकल रहे थे। लेकिन, टोल शुरू होते ही यह संख्या 3100 तक ही रह गई। इमरजेंसी वाहन दूध, ब्रेड, राशन भरी गाड़ियां गंगनहर की पटरी अथवा अन्य संपर्क मार्ग से निकल रही हैं। सफाईकर्मी का फर्जी पास, होगा मुकदमा

मेरठ : शहर में कुछ ऐसे लोग हैं जो सफाईकर्मियों का ड्यूटी पास स्कैन करके अपने वाहन पर लगाकर घूम रहे हैं। यह मामला पकड़ में आया है। ऐसे फर्जी लोगों पर मुकदमा लिखकर गिरफ्तार करने के लिए नगर आयुक्त ने थानाध्यक्षों को पत्र लिखा है। नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि फर्जी लोग ड्यूटी पास स्कैन कर रहे हैं। पास में यह भी देखा जाना चाहिए कि सैलरी कोड है या नहीं। निगम की ओर से जारी पास में सैलरी कोड भी अंकित किया गया है। आम उपभोक्ताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगे

मेरठ : कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे प्रकोप को देखते हुए खैरनगर बाजार में केवल खुदरा व्यापारियों को प्रवेश देने की मांग मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने की है। महामंत्री रजनीश कौशल ने बाजार की सभी दुकानों को सुबह 10 से पांच बजे तक खोले जाने की मांग की है। जिलाधिकारी को लिखे पत्र में कहा गया है कि जिस दुकानों पर पांच से अधिक ग्राहक हों, उसे बंद करा दिया जाए। दवा व्यापारियों का बीमा 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया जाए। दवाओं की होम डिलीवरी सुनिश्चित हो इसके लिए योजना बनाई जाए।

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