479 ग्राम पंचायतों से आई 310 आपत्तियां
त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव के लिए हुए आरक्षण के विरोध में बड़ी संख्या में दावेदारों ने आपत्तियां दर्ज कराई है।
मेरठ,जेएनएन। त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव के लिए हुए आरक्षण के विरोध में बड़ी संख्या में दावेदारों ने आपत्तियां दर्ज कराई है। जनपद की कुल 479 ग्राम पंचायतों से तीन सौ से अधिक आपत्तियां लोगों ने दर्ज कराकर अपने वार्ड, गांव और क्षेत्र का आरक्षण बदलवाने की मांग की है। अब नौ मार्च को आपत्तियों का एकत्रीकरण किया जाएगा और इसके बाद डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी आपत्तियों का शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार निस्तारण करेगी।
ग्राम पंचायत चुनाव के लिए किए गए आरक्षण के विरोध में ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्रीय पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य वार्ड को लेकर आपत्ति दर्ज कराने का सोमवार को अंतिम दिन था। अंतिम दिन बड़ी संख्या में लोग अपनी आपत्तियों को लेकर ब्लाक कार्यालय से लेकर सीडीओ और जिला पंचायती राज विभाग में पहुंचे। लोगों ने सबसे अधिक आपत्ति ग्राम प्रधान पद और जिला पंचायत सदस्य के वार्ड को लेकर दर्ज कराई है। सोमवार देर शाम तक आपत्तियां दर्ज कराने का सिलसिला जारी रहा। सभी आपत्तियों को रजिस्टर में दर्ज किया गया। जिला पंचायती राज विभाग में कुल 257 आपत्तियां लोगों ने दर्ज कराई। जबकि अन्य आपत्तियां डीएम कार्यालय के साथ खंड ब्लाक और एसडीएम कार्यालय में भी दर्ज की गई। और बीडीओ की बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे। आपत्ति निस्तारण पर लगी निगाह
आरक्षण बदलवाने के लिए आई आपत्तियों के निस्तारण के लिए डीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। 10 से 12 तक कमेटी आपत्तियों का निस्तारण जारी नियम और निर्देशों का आधार पर करेगी। उधर, बड़ी संख्या में आपत्तियां दर्ज कराने वालों की निगाह भी इसी कमेटी द्वारा किए जाने वाले निस्तारण पर लगी है। 13 या 14 को आएगी अंतिम सूची
त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर जारी किए गए कार्यक्रम के अनुसार आपत्तियों के निस्तारण के बाद 13 या 14 मार्च को आरक्षण से संबंधित अंतिम सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद 15 मार्च को आरक्षण से संबंधित सूचना शासन को भेज दी जाएगी। माहौल खराब हो जाएगा, बदल दो आरक्षण
आरक्षण बदलवाने के लिए दर्ज की गई अधिकांश आपत्तियों में ठोस तर्क दावेदार नहीं दे सके हैं। किसी ने पूर्व में गांव की स्थिति की वजह दी है तो किसी ने गांव के माहौल का हवाला दिया है। कुछ ने गांव में जातीय आंकड़ों को आधार बनाया है तो किसी ने ग्रामीणों की मंशा को ही आपत्ति का आधार बना लिया है।
इन्होंने कहा-
बड़ी संख्या में आपत्तियां प्राप्त की गई है। अब सभी का नियमानुसार अवलोकन के बाद निस्तारण किया जाएगा। प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है।
-शशांक चौधरी, सीडीओ