मेरठ की 17 चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 2610 करोड़ बकाया, पेराई समाप्ति की तिथि जारी

अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक गन्ना विभाग ने पेराई सत्र 2020-21 में चीनी मिलों की पेराई समाप्ति की तिथि जारी कर दी है। लेकिन मेरठ परिक्षेत्र की 17 चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 2610 करोड़ रुपये बकाया हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 01:20 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 01:20 PM (IST)
मेरठ की 17 चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 2610 करोड़ बकाया, पेराई समाप्ति की तिथि जारी
मेरठ की 17 चीनी मिलों का गन्‍ना बकाया ।

मेरठ, जेएनएन। अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक गन्ना विभाग ने पेराई सत्र 2020-21 में चीनी मिलों की पेराई समाप्ति की तिथि जारी कर दी है। लेकिन मेरठ परिक्षेत्र की 17 चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 2610 करोड़ रुपये बकाया हैं। चीनी मिलों ने अभी तक 1398 करोड़ के साथ केवल 34.88 फीसद भुगतान किया है। मेरठ जिले की छह चीनी मिलों ने 42 फीसद भुगतान कर दिया है। मेरठ जिले में छह चीनी मिलों ने अभी तक 849 करोड़ का भुगतान किया है, जबकि 1129 करोड़ बकाया है। गन्ना भुगतान के मामले में दौराला चीनी मिल सबसे आगे व किनौनी चीनी मिल फिसड्डी है।

148.16 लाख कुंतल चीनी उत्पादन

मेरठ परिक्षेत्र की 17 चीनी मिलों ने अभी तक 148.16 लाख कुंतल चीनी उत्पादन किया है। वर्तमान पेराई सत्र 2021-22 में चीनी मिलों ने अभी तक 1369 लाख कुंतल गन्ना खरीदा, जिसमें शत-प्रतिशत गन्ना पेराई किया। वहीं, मेरठ परिक्षेत्र में चीनी रिकवरी 10.82 फीसद है।

गन्ना भुगतान में देरी से किसान की हालत खराब : मनोज त्यागी

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ईकडी का कहना है कि प्रदेश के गन्ना किसानों का दुर्भाग्य है कि उन्हें अपने कृषि उत्पाद का उचित दाम नहीं मिलता। इतना ही नहीं, गन्ना मूल्य भी एक से दो साल देरी से मिलता है। जिस पर पहले ही न्यायालय ने ब्याज लगाकर भुगतान करने का आदेश दिया था। लेकिन उप्र सरकार के लिए न्यायालय के आदेश भी कोई मायने नहीं है। गन्ना भुगतान देरी होने के कारण किसानों की हालत पहले से खराब हो रही है। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। 

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