26/11 के योद्धा शौर्य चक्र विजेता मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने अब एक नया 'मोर्चा' किया फतह

26 नवंबर 2008 को मुम्बई पर हुए हमले के दौरान मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने डेढ़ सौ लोगों से अधिक लोगों के प्राणों की रक्षा की थी। घायल होने के चलते लंबे समय उन्‍हें अस्‍पताल में रहना पड़ा। योग प्राणायाम और प्रबल इच्छाशक्ति के बूते खुद को पूर्ण स्‍वस्‍थ किया।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 11:19 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 08:54 AM (IST)
26/11 के योद्धा शौर्य चक्र विजेता मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने अब एक नया 'मोर्चा' किया फतह
बुलंदशहर के गांव भटौना निवासी मरीन कमांडो प्रवीण कुमार तेवतिया

मेरठप्रवीण वशिष्ठ26 नवंबर 2008 को देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई पर हमला करने वाले आतंकियों को पस्त करने वालों में बुलंदशहर के गांव भटौना निवासी मरीन कमांडो प्रवीण कुमार तेवतिया की बड़ी भूमिका थी। ताज होटल से डेढ़ सौ लोगों से अधिक लोगों के प्राणों की रक्षा करने वाले इस वीर को शौर्य चक्र से नवाजा गया था। उन्‍हें चार गोली लगी थीं। लंबे समय तक अस्‍पताल में रहे। योग, प्राणायाम और प्रबल इच्छाशक्ति के बूते खुद को पूर्ण रूप से स्‍वस्‍थ किया। विश्‍व की सबसे कठिन स्‍पर्धा मानी जाने वाली आयरनमैन में सफलतापूर्वक हिस्‍सा लेना शुरू किया। नौसेना से वर्ष 2017 में सेवानिवृत्त होने के बाद प्रवीण तेवतिया देश सेवा के एक और मिशन पर निकल पड़े। अधिक से अधिक लोगों खासकर युवाओं को सेहतमंद बनाने को अपना लक्ष्य बनाया। अब उनके इस प्रयास को फिट इंडिया ने भी सराहते हुए अपना अपना ब्रांड एम्बेसडर घोषित किया है।

 

वर्ष 2012 में शुरू की आयरनमैन की तैयारी

प्रवीण तेवतिया बताते हैं कि ताज होटल में 26/11 आपरेशन के दौरान उन्हें चार गोली लगी थीं। एक फेफड़ा डैमेज हो गया था। कई साल तक उनका इलाज चला। इलाज के साथ उन्होंने योग और प्राणायाम को अपनाया। इससे वह शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हुए। उन्होंने लंबे समय तक दवाएं खाने और कई शारीरिक समस्याओं के होते हुए भी दुनिया की सबसे कठिन आयरनमैन स्पर्धा के लिए खुद को तैयार किया। इसमें 3.8 किलोमीटर समुद्र में तैराकी, 180 किलोमीटर साइकिलिंग और 42.2 किलोमीटर दौड़ को एक के बाद एक पूरा करना होता है। वर्ष 2012 में इसके लिए तैयारी शुरू की। कई मैराथन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और उन्हें पूर्ण किया।

 2015 में मुम्बई में मैराथन, मुम्बई में ही 2016 में हुई हाफ मैराथन, 2017 में जयपुर और गोवा ट्रायथलान को पूर्ण किया। सितंबर 2017 में लद्दाख में बहुत कठिन 72 किलोमीटर लंबी खरदुंगला मैराथन को पूरा किया। खरदुंगला में ऑक्सीजन का स्तर काफी कम होता है और कमजोर हो चुके फेफड़े से इसे पूरा करने पर विशेषज्ञ भी आश्चर्य जताने लगे थे।

कमजोर फेफड़े से आयरनमैन प्रतियोगिता को पूर्ण करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति

प्रवीण तेवतिया का दावा है कि वे विश्व के अकेले व्यक्ति हैं जो कमजोर हो चुके फेफड़ों से आयरनमैन पूरी करने में सफल रहे हैं। अभी तक दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया और अमेरिका में हुई आयरनमैन प्रतियोगिता के फिनीशर रहे हैं। कहते हैं कि आयरनमैन प्रतियोगिता शारीरिक और मानसिक दोनों ताकत का परीक्षा लेती है, क्योंकि इसमें लगातार पंद्रह घंटे से अधिक समय तक हिस्सा लेना पड़ता है।

केबीसी के कर्मवीर एपिसोड में ले चुके हैं हिस्सा

वर्ष 2017 में सचिन तेंदुलकर एक टीवी कार्यक्रम के लिए उनका इंटरव्यू ले चुके हैं। इसी के साथ 2018 में अमिताभ बच्चन के कौन बनेगा करोड़पति के कर्मवीर एपिसोड में में भी उन्होंने हिस्सा लिया था। इस दौरान उनके संस्मरणों को दर्शकों ने बहुत पसंद किया था।

मुश्किल नहीं है सिक्स पैक एब्स बनाना, कृत्रिम उपायों का न लें सहारा

प्रवीण तेवतिया कहते हैं सिक्स पैक एब्स बनाना बहुत मुश्किल नहीं है। आप खाने से कार्बोहाइड्रेट निकाल दें तो सिक्स पैक एब्स दिखाई देने लगेंगे, लेकिन इसके लिए कृत्रिम उपायों का सहारा न लें। युवाओं को दवाओं और बाजार में बिकने वाले प्रोटीन आदि पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इसके प्रयोग से हानि भी हो सकती है। शाकाहारी प्रवीण कहते है कि मांस का सेवन न करने वाले भी सिक्स पैक एब्स बना सकते हैं। दूध, दही, हरी सब्जियों का डाइट चार्ट के अनुसार सेवन करें। फास्ट फूड और बाजार में बिकने वाले अन्य उत्पादों से परहेज करें। चीनी का कम से कम सेवन करें तो इस संतुलित डाइट के माध्यम से आप पूर्ण रूप से स्वस्थ रहते हुए बेहतर बॉडी और सिक्स पैक एब्स बना सकते हैं। 

रोजाना आठ से दस हजार कदम जरूर चलें

प्रवीण तेवतिया कहते हैं कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए युवाओं के साथ-साथ हर उम्र के व्यक्ति को योग और प्राणायाम के साथ-साथ आठ से हजार स्टेप जरूर चलना चाहिए। यह आपको स्वस्थ्य रखने में बड़ी सहायता करेगा, क्योंकि इससे भोजन पचाने में बहुत सहायता मिलती है।

आत्मकथा में बयां किया जीवन का संघर्ष

प्रवीण तेवतिया ने बताया कि उन्होंने अपनी आत्मकथा 26/11 Brave Heart My Encounter With Terrorists That Night के माध्यम से गांव के साधारण लड़के से लेकर मरीन कमांडो बनने और सेवानिवृत्ति के बाद के संघर्ष को भी 22 अध्यायों में बताया गया है।

दैनिक जागरण की खबर से मिली प्रेरणा, मेरठ निवासी युवक बना मरीन कमांडो 

प्रवीण तेवतिया बताते हैं कि वर्ष 2014 में उनकी नियुक्ति मुम्बई में थी। उस दौरान मेरठ निवासी एक नवनियुक्त मरीन कमांडो ने छुट्टी के दौरान मिलने का समय मांगा। मिलने पर उसने उनके चरण स्पर्श किए। बताया कि वर्ष 2009 में दैनिक जागरण में उनके अदम्य साहस के बारे में समाचार पढ़ा था। उसी से प्रेरणा लेकर  मरीन कमांडो बनने की तैयारी शुरू कर दी थी।  

खुद पर भरोसा रखें युवा

प्रवीण तेवतिया आजकल युवाओं को मरीन कमांडो बनने का नोएडा और पुणे में प्रशिक्षण देते हैं। विभिन्न संस्थानों में उन्हें मोटीवेशनल स्पीकर के तौर पर आमंत्रित किया जाता है। अपने यूट्यूब चैनल Marcos Praveen Teotia पर योग, प्राणायाम, बेहतर डाइट प्लान आदि की जानकारी देते हैं। उनका कहना है कि युवा अपना आत्मविश्वास कायम रखें। मेहनत, लगन और निष्ठा से कार्य करने से लक्ष्य को अवश्य पा सकेंगे।  यूट़यूब के माध्‍यम से भी युवाओं को प्रेरणा देते हैं।

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