आनलाइन अंतरराष्ट्रीय आलमी मुशायरा व कवि सम्मेलन: वह नहीं मेरा मगर उससे मोहब्बत है तो है...
आनलाइन अंतरराष्ट्रीय आलमी मुशायरा व कवि सम्मेलन मंगलवार से शुरू हुआ 132 घंटे का आनलाइन मुशायरा व कवि सम्मेलन। द पोएट्री वल्र्ड की ओर से किया गया इंडिया फाइट्स अगेंस्ट कोविड-19 आयोजन। यह कार्यक्रम 13 जून तक कुल 132 घंटे चलेगा।
मेरठ, जेएनएन। इंडिया फाइट्स अगेंस्ट कोविड-19 की भावना से 'द पोएट्री वल्र्डÓ के तत्वावधान में मंगलवार को आनलाइन मुशायरा व कवि सम्मेलन का आगाज किया गया। शब्दों के कारीगरों ने अपने गीत व गजलों के आभूषण इस अनूठी महफिल का श्रृंगार कर दिया। आयोजकों के मुताबिक, यह कार्यक्रम 13 जून तक कुल 132 घंटे चलेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत में दुबई से मशहूर शायर फरहान वारसी, यूएसए से अदबी रहनुमा ख्वाजा खतीब, ताहिर फराज, शहपर रसूल ने हिन्दुस्तान और दुनियाभर में कोविड महामारी से निजात को दुआ की। संयोजक तारीफ नियाजी और एंकर सपना मूलचंदानी ने अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद 11 बजे डा. अमजद अजीम की निजामत में अदबी महफिल का पहला सत्र शुरू हुआ। फरीद नोमानी की याद में अहमद दानिश ने कहा कि
बड़े बनकर रहो सबसे बड़ा होने की मत सोचो।
कि तुम इंसां हो इक इंसां खुदा होने की मत सोचो।।
फिल्म अभिनेत्री व शायरा दीप्ति मिश्रा ने पढ़ा
वह नहीं मेरा मगर उससे मोहब्बत है तो है।
यह अगर रस्मों-रिवाजों से बगावत है तो है।।
अब्बास ताबिश ने कलाम पेश किया
बात कर ऐ खूबसूरत शख्स कोई बात कर
और साबित कर तुझे कोई परेशानी नहीं।
इसके अलावा इमरान बिन रियासत, आसिफ निगार, हैदर अम्मान, काशिफ माकनपुरी, अख्तर कानपुरी, इस्मत जैदी, शिफा, रवि केडिया आदि ने कलाम प्रस्तुत किए। दूसरा सत्र मोईन शादाब की निजामत में चला। यह उस्ताद शायर मुजफ्फर हनफी को समर्पित रहा। शहपर रसूल, फरहत एहसास, अलीना इतरत, डा. अदनान खालिद, परवेज मुजफ्फर हनफी, रहमान फारिस, अम्मार इकबाल, चिराग शर्मा आदि ने कलाम पेश किया। मुख्य आकर्षण दीप्ति मिश्रा रहीं। इसके बाद तीसरे सत्र का आगाज हुआ, जो अंजुम उस्मानी को समर्पित था। इसकी निजामत फानी जोधपुरी ने की। इसमें मकीं सिद्दीकी, अहमद अली बर्की, सुहैल उमर भोपाली, जावेद आबेदी, अभिषेक तिवारी आदि ने कलाम पेश किए। मंगलवार देर रात स्टार सत्र हुआ। प्रत्येक सत्र में कई दर्जन शायर व कवि अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं।