Workers Family Reach Meerut: 60 घंटे के सफर तय कर डिब्रूूगढ़ से मेरठ पहुंचे 103 कामगार परिवार
असम डिब्रूगढ से चली टेन रविवार को सुबह 10.50 बजे सिटी स्टेशन पहुंची। भीषण गर्मी के कष्टप्रद माहौल में लगभग 60 घंटे के सफर के बाद जब यात्री उतरे उनका हाल बेहाल था।
मेरठ, जेएनएन। असम डिब्रूगढ से चली टेन रविवार को सुबह 10.50 बजे सिटी स्टेशन पहुंची। भीषण गर्मी के कष्टप्रद माहौल में लगभग 60 घंटे के सफर के बाद जब यात्री उतरे उनका हाल बेहाल था। ट्रेन के पूर्व निर्धारित शैडयूल के अनुसार कानपुर सेंटल स्टेशन तक आना था। पर पश्चिम उत्तर प्रदेश के जनपदों के 645 यात्रियों के ट्रेन में सवार होने से ( कुल ट्रेन की क्षमता का 50 प्रतिशत ) शासन स्तर पर पहल होने के कारण रेलवे ने ट्रेन को मेरठ तक के लिए विस्तारित कर दिया। रास्ते में ही काफी यात्री उतर गए और केवल 103 यात्री ही मेरठ में उतरे जिसमें 22 बच्चे भी थे।
व्यवस्था के मददेनजर स्टेशन पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सवा 10 बजे से ही पहुंच गए थे। स्टेशन के अंदर की व्यवस्था जीआरपी और आरपीएफ ने संभाल रखी थी। 18 मई को स्टेशन मची अफरातफरी के चलते मीडिया कर्मियों को प्लेटफार्म पर नहीं आने दिया गया। यहां तक कि चिकित्सकों की टीम ने यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग लाबी में की। स्टेशन की पार्किंग पर पहले से ही अलग अलग रूटों की बसे रोडवेज ने खड़ी कर रखी थी। यात्रियों को सीधे उनके गंतव्य तक जाने वाली बसों में बैठाया गया।
डिब्रूगढ से ट्रेन में केवल 103 यात्री उतरे
प्रशासन के पास जो सूची शासन से भेजी गई थी उसमें मेरठ के 20 यात्री थे लेकिन केवल पांच लोग उतरे। किला परीक्षित गढ के कमलनाथ ने बताया कि सभी पांच लोग एक ही परिवार के हैं। कहा वहां पर जडी बूटी बेचते थे और कभी कभी मजदूरी भी कर लेते थे; दो माह से काम धंधा बंद था। फाके की नौबत आ रही थी इसलिए लौटना पडा। शामली निवासी मुश्ताक ने बताया कि ट्रेन को 23 को 11 बजे कानपुर पहुंचना था। पर रूट बदलने के बाद यह जगह जगह खड़ी होती रही । अधिकांश यात्री बीच में ही उतर गए। बताया कि मेरठ सिटी स्टेशन पर सख्ती ज्यादा है अन्य स्टेशनों केवल कुछ कर्मचारी खड़े थे कोई रोक टोक नही थी। कामगारों के साथ महिलाएं और बच्चों की संख्या भी काफी थी। यात्रियों के चेहरे पर थकान और पहनावे पर आर्थिक तंगी झलक रही थी। छोटे-छोटे बच्चों के पैरों के चप्पल भी नहीं थी प्लेटफार्म और बाहर सड़क पर उनसे पैर नही रखा जा रहा था।
चूंकि हमें आगे जाना था इसलिए मेरठ ही उतर रहे हैं;
हालांकि यात्रियों ने बताया कि रास्ते में पांच छह स्थानों पर खाने की व्यवस्था थी जिससे बच्चों का सफर कट गया। स्टेशन पर उतरे यात्रियों में सबसे ज्यादा संख्या 48 शामली जाने वालों की थी। गाजियाबाद के तीन, सहारनपुर के 25 , बागपत के 15, रामपुर के 7 यात्री थे। एडीएम सिटी सुभाष चंद प्रजापति , नोडल अधिकारी प्रवीणा अग्रवाल, पुलिस, एमडीए और रोडवेज का स्टाफ मौजूद था।
इन्होंने बताया
स्टेशन अधीक्षक आरपी शर्मा ने बताया कि डिब्रूगढ से चली श्रमिक स्पेशल टेन पहले कानपुर सेंट्रल तक आनी थी। इसका रूट डायवर्ट कर दिया यह प्रयाग राज, लखनऊ, खुर्जा होते हुए मेरठ पहुंची। जिससे पहुंचने में विलंब हुआ।